पद से अचानक हटाए जाने को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की आहत भावनाएं एक होली मिलन कार्यक्रम के दौरान छलक पड़ीं जहां उन्होंने अपनी तुलना महाभारत के चरित्र अभिमन्यु से कर डाली जिसे अपने ही परिवार के लोगों ने युद्धभूमि में छल से मारा था। यहां बालावाला में बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिए अपने संबोधन में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘‘अभिमन्यु के वध पर द्रोपदी शोक नहीं करती है. हाथ खड़े करके बोलती है कि पांडवों इसका प्रतिकार करो।” अपने कार्यकाल का चार साल पूरा होने से महज नौ दिन पहले अठारह मार्च को पद से हटाए गए रावत ने कहा कि “उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने का प्रयास किया और हो सकता है कि इससे कुछ लोगों को कष्ट हुआ हो।”
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं खुश हूं कि मैं राजनीति की काली सुरंग से साफ निकल कर बाहर आया हूं।” उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे उन्हें अपने लोगों से आंख मिलाकर न देख सकें।
हालांकि, इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश में पार्टी मामलों के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जैसे वरिष्ठ नेता की संगठन में जरूरत है और उनका इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि उनके बारे में चिंता का काम केंद्रीय नेतृत्व का है और अब हमें यहां पर उनकी चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं और भाजपा का बहुत विस्तार हो रहा है, ऐसे में पार्टी किसी भी कार्यकर्ता का कहीं भी इस्तेमाल कर सकती है और अनुभवी कार्यकर्ताओं की बहुत जरूरत है। भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में विकास की नींव रखी थी और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह उस पर इमारत बना रहे हैं।