वर्ष 2013 की आपदा के बाद क्षतिग्रस्त पुलों और मार्गों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने गधेरों, नदियों पर आवाजाही के लिए आधा दर्जन ट्राॅली लगायी, मगर इन ट्राॅलियों की हालत उर्गम घाटी में जर्जर है। ग्रामीणों का कहना है कि यह ट्राॅली जब से लगी है तब से शो पीस बन कर रह गई है। 2013 की आपदा में चमोली जिले की उर्गम घाटी में भी बहुत नुकसान हुआ। पुल पुलिया संपर्क मार्ग टूट गये थे। यहां बहने वाली कल्प गंगा पर लोनिवि ने कल्प गंगा से मंदिर तक जाने के लिए 25 लाख रुपये की लागत से ट्राॅली का निर्माण किया था।
ग्रामीण रघुवीर सिंह नेगी कहा है कि जब से यह ट्राॅली लगी है शो पीस बनकर रह गई। लाखों रुपया खर्च हो गया पर जिस प्रयोजन से ट्राॅली लगी वह प्रयोजन पूरा हुआ ही नहीं। अभी भी लोगों को फिसलन भरे रास्तों से मंदिर जाना होता है। नदी पर लकड़ी का एक पुल है जो नदी के बढ़ने पर कभी भी बह सकता है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत बताया कि ट्राॅली संचालित हो रही है। हाल ही में हमारे उस क्षेत्र के अवर अभियंता इस ट्राॅली से इसपार से उस पार गये थे। यदि ग्रामीणों की कोई शिकायत है तो उसे भी देखा जायेगा। नदी स्थायी व्यवस्था के लिए विश्व बैंक द्वारा पुल का निर्माण किया जा रहा है।