रुद्रपुर से चोरी हुई यूपी रोडवेज की फर्जी बस को आखिरकार पुलिस ने बरामद कर लिया। बस की बरामदगी के साथ ही पुलिस के हत्थे वो आरोपी भी चढ़ गए, जिन्होंने पूरी वारदात को अंजाम दिया था।
बस चोरी का खुलासा करते हुये एसपी क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि कि इन दिनों उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहे हैं। जिसके चलते उत्तरप्रदेश परिवहन निगम की अधिकांश बसें चुनाव में व्यस्त है। इसी के चलते बसें कम हैं और यात्रियों की संख्या जस की तस है। इसी का फायदा उठाने के लिए दो शातिरों ने षडय़ंत्र रचा। यूपी की एक प्राइवेट बस को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों के रंग में रंग दिया और दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक सवारियां ढोने में जुट गए। बीती 6 मई को एआरटीओ संदीप सैनी ने चेकिंग के दौरान इस बस को फर्जीबाड़ा करते पकड़ा और सीज कर दिया। ये बस दिल्ली से सवारियां भर कर यूपी के लिए निकली थी। बस को सीज करने के बाद उसे परिवहन विभाग के चेक पोस्ट की संग्रह केंद्र बिलासपुर रोड पर खड़ा कर दिया गया। उसी रात संग्रह केंद्र से बस चोरी हो गई। अगले दिन जब चोरी की खबर अधिकारियों तक पहुंची तो उनके होश उड़ गए।
इस मामले से आनन-फानन में पुलिस को बताया गया। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर बस की तलाश शुरू कर दी गई। पड़ताल में जुटी पुलिस की टीम मुरादाबाद टोल बैरियर पहुंची। जहां सीसीटीवी फुजेट में यह साफ हो गया कि बस को दिल्ली की ओर ले जाया गया है। जिसके बाद टीम दिल्ली की ओर रवाना हो गई। साथ ही पुलिस को यह भी पता लगा कि बस का मालिक हापुड़ निवासी असलम है। पुलिस ने बस को आनंद विहार बस अड्डे से चोरी करने वाले दो युवकों सहित बरामद कर लिया। इन आरोपियों में बस चालक जाकिर निवासी सोना गुडग़ांव हरियाणा, दूसरा आरोपी बस परिचालक राकिब निवासी हापुड़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
दोनों आरोपी तकरीबन डेढ़ साल से बगैर परमिट के ही बस को दिल्ली से उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश से दिल्ली की दौड़ करा रहे थे। जबकि यह एक निजी बस थी और इसका परमिट दिल्ली से बृज घाट गढ़ मुक्तेश्वर तक ही था। बावजूद इसके दोनों लंबे रूट पर बस को दौड़ा कर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।