देहरादून, यादों का सिलिसिला ऐसा चला कि यादें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थीं। लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने दगुडू निरैंण सदानि दगड्या गीत सुनाकर यादों को और भी ताजा कर दिया। मौका था चित्रकार स्व. बी मोहन नेगी के व्यक्तित्व व कृतत्व पर आधारित दो पुस्तकों के विमोचन का। एक का नाम सृजन विशेष एवं स्मृति शेष और दूसरे का नाम बी मोहन नेगी अब यू सब्द हमरा ईष्ट छन। वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र कठैत द्वारा लिखित व संपादित दो पु़स्तकों के विमोचन के मौके पर कई वरिष्ठ साहित्यकार व कलाप्रेमी भी उपस्थित थे।
प्रेस क्लब में ख्यातिनाम चित्रकार बी मोहन नेगी के प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ स्व. बी मोहन नेगी के चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने वरिष्ठ साहित्यकार नरेंद्र कठैत की सराहना करते हुये कहा कि कठैत ने ऐसा कार्य किया जो लंबे समय पर बी मोहन नेगी की याद दिलाता रहेगा। उन्होंने बी मोहन नेगी के साथ जुड़े कई प्रसंगों को भी साझा किया। इसके बाद कार्यक्रम में बी मोहन नेगी के व्यक्तित्व व कृतत्व आधारित दोनों पुस्तकों का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये साहित्यकार व गजलकार प्रेम साहिल ने कहा कि नरेंद्र कठैत का यह कार्य ऐतिहासिक है इससे अन्य साहित्यकारों को भी प्रेरणा लेनी चाहिये। विशिष्ट अतिथि के रूप में पत्रकार संजय कोठियाल, शाक्त ध्यानी, रमाकांत बेंजवाल, स्वर्गीय बी मोहन जी की धर्मपत्नी कल्पेश्वरी देवी, हरिमोहन आदि ने भी बी मोहन नेगी को याद करते हुये उनके साथ बिताये हुए संस्मरण व प्रसंग साझा किये। कार्यक्रम में साहित्यकार नरेंद्र कठैत ने कहा कि बी मोहन नेगी जैसा व्यक्तित्व सराहनीय है। साामजिक सरोकारों के साथ ही कला और चित्रकला के प्रति बी मोहन नेगी में गहरा अनुराग था।
इस मौके पर मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह नेगी समेत अन्य अतिथियों को शाॅल भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मदन मोहन डुकलान, तन्मय मंमगई, डा बेचैन कंडियाल, वीन बेंजवाल, जयप्रकाश पंवार आदि मौजूद रहे।