2 लाख 24 हजार कंपनियां फर्जी, एक कंपनी के 2134 बैंक खाते, एक खाते में 2484 करोड़

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दिल्ली। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने प्रधानमंंत्री कार्यालय (पीएमओ) के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए अब तक दो लाख 24 हजार कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए हैं। जांच में पता चला था कि इन कंपनियों ने पिछले दो साल में कोई कारोबार या गतिविधि नहीं की थी, जिसके चलते जांच एजेंसियों को इन कंपनियों पर शक हुआ।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने बताया कि इन कंपनियों के बैंक खातों पर भी रोक लगा दी गई है। 56 बैंकों से मिले आंकड़ों की जांच में पता चला कि 35 हजार कंपनियों ने इन 56 बैंकों में 58 हजार से ज्यादा बैंक खाते खोले हुए थे। इन बैंक खातों में नोटबंदी के बाद 17 हजार करोड़ रूपये का लेन-देन हुआ। एक कंपनी के खाते में तो नोटबंदी के बाद 2484 करोड़ रूपये जमा किए गए और निकाले गए। वहीं एक कंपनी के 2134 बैंक खाते पाए गए। अब ऐसी कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), फाइनेंसियल इन्टेलिजेंस यूनिट (एफआईयू), वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), आरबीआई सहित तमाम संबंधित विभाग एवं एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं।इसके अलावा उत्तराखंड में  भी हजारों कंपनियां फर्जी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कालेधन के खिलाफ जंग का एलान कर चुके हैं। इतना ही नहीं इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया है। जिसका अध्यक्ष राजस्व सचिव एवं कॉर्पोरेट मामलों के सचिव को संयुक्त रूप से बनाया गया। ये एसटीएफ ऐसी फर्जी कंपनियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर नजर रखेगा और सभी जांच एजेंसियों में सामंजस्य स्थापित रखेगा। अब तक इस एसटीएफ की पांच बैठकें हो चुकी हैं।