नई दिल्ली, टैक्सी को भाड़े पर चलाने वाली कंपनी उबर व ओला का भारत में विलय हो सकता है। इन कंपनियों की साझेदारी की बात दोनों कंपनियों के बीच चल रही है। भारत में टैक्सी की क्षेत्र में काम करने वाली ये दोनों कंपनियों में जापान की कंपनी सॉफ्टबैंक का ओला और उबर दोनों में साझेदारी है। इसके पास ओला में 26 फीसदी व इससे कुछ कम की हिस्सेदारी उबर में है। अगर यह विलय प्रस्ताव कार्यरूप में आता है तो ओला भारत में उबर के कारोबार को संभालेगी।
यह प्रस्ताव सॉफ्टबैंक ही लेकर आई है क्योंकि इससे संसाधनों की बचत होगी और दोनों कंपनियों के बीच तीखी होड़ भी मौजूद नहीं रह पाएगी। इससे सॉफ्टबैंक को प्रत्यक्ष लाभ होगा। हालांकि ओला का भारतीय टैक्सी बाजार में लगभग आधी हिस्सेदारी है। विलय हो जाने के बाद भी इसी कंपनी का बर्चस्व नई कंपनी पर रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों के कार्यकारी अधिकारी कई बार इस मामले को लेकर मिल चुके हैं। यानी अब विलय का मामला लगभग तय हो गया है। हाल ही में उबर ने अपने दक्षिण पूर्व एशिया अॉपरेशन को अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी ग्रैब के हाथों बेच दिया था। उबर को खरीदने वाली कंपनी सॉफ्टबैंक की अब यह चिंता है कि उसे बाजार में बने रहने के लिए काफी खर्च करना पड़ रहा है। चूंकि सॉफ्टबैंक का ओला में बड़ी हिस्सेदारी है| इसलिए इस विलय के बाद की कंपनी पर इसका ही नियंत्रण रहेगा। अभी ओला व उबर को मिलाकर भारत में लगभग 10 लाख कारें पंजीकृत हैं।