ऋषिकेश। उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश को बचाने के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगा और वह स्थानीय निकायों के चुनाव को मजबूती के साथ लड़ेगा। यह निर्णय उत्तराखंड क्रांति दल की ऋषिकेश में चल रही दो दिवसीय केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद बुधवार को पारित प्रस्ताव में लिया गया। जिसमें कहा गया कि पहाड़ को बचाने के लिए उत्तराखंड क्रांति दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और उत्तराखंड क्रांति दल ने राज्य की मांग की लंबी लड़ाई लड़ी है।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश को बचाने के लिए एक लंबी निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी जिसके अंतर्गत उन्हें प्रदेश की राजधानी गैरसैण, किसानों की बदहाली, सरकार की शराब नीति, के खिलाफ आंदोलन करना होगा। जिसके लिए उन्हें जनता का व्यापक जन समर्थन जुटाने की आवश्यकता है।
बैठक मैं दिवाकर भट्ट ने कहा की अब तक की सरकारें अपने मकसद से भटक चुकी है ऐसे में राज्य के साथ नाइंसाफी हो रही है उनका कहना था कि 1000 से अधिक गांव सरकार की गलत नीतियों के कारण खाली हो चुके हैं 3000 से अधिक स्कूलों में ताले लटक गये है। यह सब सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है जिसे अब उत्तराखंड क्रांति दल कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
बैठक में पहले दिन जहां दल की प्रगति रिपोर्ट सदन में रखी गई वहीं स्थाई राजधानी बनाए जाने संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति निकाय चुनाव की तैयारी तथा प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों सभी वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में डॉक्टर नारायण सिंह अंथवाल जितेंद्र सिंह पवार ,बहादुर सिंह, देवेंद्र चमोली, ब्रह्मानंद डालाकोटी जयप्रकाश जयदीप भट्ट ,महिला प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत चौहान ,सुशील उनियाल ,अवतार सिंह राणा ,किशन सिंह रावत, सहित उत्तराखंड के सभी जिलों के जिला अध्यक्ष भी बैठक में मौजूद थे।