प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों पर सवाल, उच्च न्यायालय में याचिका दायर

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देहरादून। विश्वविद्यालयों में धांधली बाजी व अवैधानिक रूप से प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों को उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर की है, जिसे न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
याचिकाकर्ता जय प्रकाश उपाध्याय ने शुक्रवार पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि संपूर्ण प्रकरण वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड औद्योगिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय का है। उपाध्याय ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर नियुक्त तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर सीएम शर्मा हैं, जिन्हें केवल छह माह के लिए नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल स्थाई कुलपति की नियुक्ति के बाद भी छह माह तक बढ़ाया गया। आरोप लगाया कि इस अवधि में शर्मा ने अपने अधिकार क्षेत्र के बगैर तथा यूजीसी के मानकों के विपरीत यूनिवर्सिटी के सभी नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए अपने चहेतों को वैधानिक रूप से प्रोफ़ेसर एसोसिएट, प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया गया जो सरासर अवैधानिक हैं। कार्यकारी कुलपति को यूजीसी के मानकों के अनुसार नियमित नियुक्ति करने का कोई अधिकार नहीं है। आरोप है कि प्रोफेसर के पद पर नियुक्त डॉक्टर वीपी खंडूरी के पास प्रोफेसर फॉरेस्ट्री विद स्पेशलाइजेशन इन सिल्विकल्चर की मास्टर डिग्री न होने के बावजूद उन्हें प्रोफेसर फॉरेस्ट्री विद स्पेशलाइजेशन इन सिल्विकल्चर के पद पर नियुक्त किया गया। इसी प्रकार डॉक्टर एसपी सती जिनके पास मास्टर डिग्री इन एनवायरमेंटल है ही नहीं उन्हें भी एसोसिएट प्रोफेसर एनवायरमेंट के पद पर नियुक्त किया गया जो सरासर अवैध है। डॉक्टर एसपी सती एमएससी (भूविज्ञान) है इतना ही नहीं असिस्टेंट प्रोफेसर के 12 पदों पर ऐसी ही अनियमित रूप से ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है जिनके पास उन नियुक्तियों के लिए किए गए प्रावधानों और मानकों के अनुरूप मास्टर डिग्री ही नहीं है और इस प्रकार सभी नियुक्तियां अवैध अमान्य है।
उच्च न्यायालय में जनहित याचिका की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी नौटियाल के तर्कों से सहमत होकर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली यूनिवर्सिटी के साथ साथ सभी अवैध रूप से नियुक्त प्रोफेसर एसोसिएट,प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर को जवाब के लिए नोटिस जारी किया है। उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल संपूर्ण विश्व विद्यालय में हो रही अवैध नियुक्तियों के खिलाफ है। दल किसी भी कीमत पर विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्तियों का विरोधी है और उन नियुक्तियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। कहा कि न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका हम उत्तराखंड के हित में लगा रहे हैं और भविष्य में इस मामले को पुनः मजबूती से न्यायालय से लेकर जनता के बीच में ले जाया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में याचिकाकर्ता जय प्रकाश उपाध्याय के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी नौटियाल, महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री,वरिष्ठ नेता लता फत हुसैन, विजय बौड़ाई शामिल थे।