शस्त्र व्यवसायियों के लिए वह हथियार (शस्त्र) एक बड़ी समस्या बन गए हैं जिन्हें उनके मालिकों द्वारा जमा कराए जाने के बाद वापस नहीं लिया जाता है। इन शस्त्रों की सुरक्षा और रखरखाव कब तक और कैसे किया जा सकता है? इन हथियारों का निस्तारण कैसे संभव हो? इसे लेकर शहर के सबसे पुराने शस्त्र व्यवसायी श्याम गन हाउस के मालिक श्याम सुंदर उपाध्याय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर समस्या के समाधान की मांग की है।
गृहमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि मृत्यु के पश्चात और जीवित अवस्था में अपरिहार्य स्थिति में जमा कराए गए शस्त्रों को वापस न लिए जाने के कारण बड़ी संख्या में शस्त्र व्यवसायियों के पास शस्त्र जमा हो चुके हैं उनका कहना है कि आयुध अधिनियम 1959 में अब तक कोई संशोधन नहीं किया गया है और व्यवसायियों के पास इन शस्त्रों के निस्तारण का कोई रास्ता नहीं है। इसलिए वह इन हथियारों का कोई निस्तारण नहीं कर सकते हैं। उन्होंने भाजपा की केंद्रीय सरकार से अपील की है कि उन्होंने तमाम बड़ी समस्याओं का हल निकाला है इसलिए शस्त्र व्यवसायियों को उम्मीद है कि वह इस समस्या का हल भी निकाल सकते हैं।
उन्होंने पत्र में इन शस्त्रों के निस्तारण के हल के उपाय सुझाते हुए पुलिस मुख्यालय या पुलिस लाइन में बने शस्त्रागारों के पास एक हाल बनाकर उन्हें जमा कराने व नजारत (माल खाना) जो जिला मजिस्ट्रेट के अधीन होता है मेंं भी इन्हें रखे जाने का सुझाव दिया है।