देहरादून में रेड एफएम रेडियो को शुरु हुए अभी बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है लेकिन हर कोई खुद को रेडियो से जुड़ा हुआ महसूस करता है। सुबह आंख खोलने के साथ ही लगभग सभी घरों में रेडियो की आवाज आने लगती है।
रेड एफएम 93.5 देहरादून की आरजे कड़क छोरी पायल ने बीते दिनों यूनीसेफ के एक कार्यक्रम में दो अर्वॉड जीता है।
आपको बतादें कि बीते 10 मई को युनिसेफ-एआरओआई रेडियो फॉर चाईल्ड पुरस्कारों का आयोजन मुंबई में हुआ था।इस प्रोग्राम में लगभग 152 इंट्रीयों में से विजेताओं का चुनाव किया गया। इस साल के पुरस्कारों के तहत आरजे को दो विषयों – नियमित टीकाकरण (मीज़ल्स रूबेला अभियान) तथा बच्चों के साथ होने वाली हिंसा उन्मूलन (बाल यौन शोषण) के तहत उनकी आधुनिक एवं विचारोत्तेजक प्रोग्रामिंग के लिए सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने देहरादून से मुंबई पहुंची पायल को एक नहीं बल्कि दो अवॉर्ड से नवाजा गया। नियमित टीकाकरण मुहिम के लिए आरजे पायल को बेस्ट जिंगल और बेस्ट प्रोमो के लिए अवॉर्ड मिला।
इस बारे में हमसे और बात करते हुए आरजे पायल ने बताया कि, “यूनीसेफ से अवॉर्ड मिलना किसी के लिए भी बहुत बड़ी बात है और मेरे लिए यह और भी बड़ी बात है क्योंकि मैं इस अर्वाड के लिए पहली बाल नॉमिनेट हुई वो भी दो कैटेगरी में और दोनों में ही मुझे अवार्ड मिला। इस अवॉर्ड के मिलने से जहां एक तरफ मेरा परिवार बहुत खुश है, वहीं मेरा मानना है कि अपने जिंगल और प्रोमो के माध्यम से अगर मैं कुछ लोगों को जागरुक कर पा रही हूं तो इससे बेहतर मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता।”
प्रोग्राम में यूनिसेफ की सेलेब्रिटी एडवोकेट करीना कपूर खान ने हिस्सा लिया। करीना कपूर खान ने कहा कि ‘‘मुझे खुशी है कि मुझे यूनिसेफ द्वारा शुरू किए गए एवरी चाईल्ड अलाईव अभियान के साथ जुड़ने का मौका मिला है, क्योंकि इसके तहत हर बच्चे को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण के महत्व पर जागरुकता बढ़ाने के लिए अलग-अलग आधुनिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेडियो के साथ अपनी व्यक्तिगत अनुभव की बात करूं तो यह युवा परिवारों, युवाओं एंव सीमांत समुदायों को टीकाकरण के महत्व पर शिक्षित करने के लिए उत्कृष्ट माध्यम है। साथ ही एक मां होने के नाते मैं समझती हूँ कि हर बच्चे के लिए टीकाकरण बहुत ज़रूरी है, टीकाकरण के साथ बच्चे के जीवन की स्वस्थ शुरूआत होती है।”
2018 में यूनिसेफ और एआरओआई द्वारा एक क्षमता निर्माण कार्यशाला की शुरूआत की गई, जिसके तहत 40 अखिल भारतीय रेडियो एवं निजी एफएम रेडियो पेशेवरों को रेडियो जिंगल, टॉक शो आदि के माध्यम से टीकाकरण एवं बच्चों से जुड़ी अन्य समस्याओं पर महत्वपूर्ण संदेश प्रसारित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।