देहरादून। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) ने अच्छी गुणवत्ता के साथ सभी काम समय पर पूरे करने का भरोसा दिलाया। निगम के महप्रबंधक पीके शर्मा ने कहा कि प्रदेश चल रहे कार्यों की प्रगति 75 फीसद से अधिक है और जनवरी 2019 तक सभी कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।
बुधवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से रूबरू महाप्रबंधक पीके शर्मा ने कहा कि वर्तमान में निगम के प्रदेश में करीब 4500 करोड़ रुपये के 482 कार्य चल रहे हैं। इनमें से कई पूरे भी हो चुके हैं और अधिकतर की प्रगति 75 फीसद से अधिक है। निगम ने जनवरी 2019 तक सभी कार्य पूरे करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही निगम महाप्रबंधक शर्मा ने बजट की कमी की बात भी सामने रखी। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्तर पर निगम को सवालों की नजर से देखा जा रहा है और इसका असर निगम को दिए जाने वाले बजट पर भी पड़ रहा है। लंबे समय से निगम को 1500 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो कि कार्य आवंटित करने वाले विभागों से प्राप्त होने हैं। निगम की छवि को लेकर खड़े किए जा रहे सवालों के चलते ही उन्हें बजट प्राप्त नहीं हो पा रहा। सभी सवालों का रिकॉर्ड के आधार पर जवाब दिया जा रहा है। उम्मीद है कि सरकार व शासन स्तर पर भी इस बात को समझा जाएगा और उन्हें जल्द बजट जारी किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में परियोजना प्रबंधक अरविंद तिवारी, केके यादव, दीप पंत, वीके अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।
निगम के ब्याज की राशि को वापस न लौटाने के मामले पर महाप्रबंधक पीके शर्मा ने कहा कि
ऑडिट प्रकोष्ठ ने भी इस आपत्ति की है। इसका जवाब दिया गया है कि अर्जित ब्याज की राशि वापस की जा रही है और ग्राहक विभाग से यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि लेबर सेस व सर्विस टैक्स की जो राशि निगम ने जमा कराई है, उसे ब्याज से समायोजित किया जाए या शासन इस राशि को अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराएगा।
यूपीआरएनएन के महाप्रबंधक पीके शर्मा ने कहा कि यदि निगम अपने कार्यों व छवि के प्रति जवाबदेह न होता तो पिछले वित्तीय वर्ष में निगम का कुल टर्नओवर छह हजार करोड़ रुपये को पार नहीं कर पाता। पिछले आंकड़े भी बताते हैं कि निगम के कार्यों का ग्राफ देशभर में लगातार ऊपर चढ़ रहा है।