उस्ताद निशांत खान ने गाया मल्हार राग, मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

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नई दिल्ली,  उस्ताद निशांत खान ने इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आई.जी.एन.सी.ए.) द्वारा आयोजित पांचवे ‘पूर्णिमा संगीत सभा’ में वर्षा ऋतु पर केन्द्रित “मानसून का संगीत-मल्हार जादू” कार्यक्रम मे अपनी प्रस्तुति दी । निशांत खान ने वर्षा ऋतु में सितार पर मल्हार की धुनों से श्रोताओं के मंत्रमुग्द्ध कर दिया।

इस मौके पर उस्ताद निशांत खान ने कहा, “मैं इस ऋतु का बेसब्री से इंतज़ार करता हूं ताकि मैं इस ऋतु के दौरान मल्हार बजा सकूं, आई.जी.एन.सी.ए. का मैं शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे मानसून व मल्हार पर केन्द्रित इस कार्यक्रम में सितार वादन के लिए बुलाया ।” अपनी प्रस्तुति में उस्ताद निशात खान ने लगभग एक घंटे तक सितार पर अलाप के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। लगभग दो घंटे तक चले कार्यक्रम में उस्ताद निशात खान ने उस्ताद फ़ैयाज़ खान व उस्ताद विलायत खान आदि की बन्दिशों विलंबित, द्रुत तीन ताल पर निबद्ध मल्हार, गौड़ मल्हार व अंत मे भटियाली राग बजाकर कार्यक्रम का समापन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में जानी-मानी कला समीक्षक शैलजा खन्ना ने वर्षा ऋतु पर केन्द्रित “मानसून का संगीत-मल्हार का जादू” के बारे मे श्रोताओं को बताया कि आज यह कार्यक्रम वर्षा ऋतु में गाये बजाये जाने वाले मल्हार राग पर ही केन्द्रित है। चूंकि वर्षा ऋतु का काल केवल 40-45 दिनों होता है, ऐसे मे मल्हार जैसे रागों को गाने बजाने का सबसे सही समय भी यही होता है।

उस्ताद निशांत खान व उस्ताद अमजद खान को सुनने के लिए पूरा सभागार युवा श्रोताओं से भरा रहा। युवा कलाकारों के अलावा देश के जाने माने वरिष्ठ कलाकार व कला मर्मज्ञ भी मौजूद थे, जिनमें उस्ताद इक़बाल अहमद खान, इन्दु शर्मा, अदनान खान, डॉ श्याम रस्तोगी आदि प्रमुख थे ।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आई.जी.एन.सी.ए.) हर महीने पूर्णिमा के अवसर पर पूर्णिमा संगीत सभा का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बॉम्बे जयश्री के गायन से हुई थी। इसके बाद की कड़ी मे मंजूषा पाटिल, पंडित रोनु मजूमदार, जयंती कुमारेश, पंडित देबाशीश भट्टाचार्य, पंडित सुगतो नाग, विदुषी देबास्मिता भट्टाचार्य, प्रत्यूष बनर्जी, समरजीत कुमारसेन आदि कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।