उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने प्रदेश के चार जिलों में सप्ताह में दो दिन पूर्णबंदी (फुल लॉकडाउन) के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने आज देर शाम इस आशय के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
– राज्य में प्रतिदिन अधिकतम 1500 लोग ही आ सकेंगे
– राज्य में आने वालों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य
इसके मुताबिक प्रदेश के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल में प्रत्येक शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉक डाउन रहेगा। यह दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। हालांकि आवश्यक सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है। कई पालियों में काम करने वाली औद्योगिक इकाइयों, कृषि एवं सन्निर्माण गतिविधियों, शराब की दुकानों, होटलों में लोगों की आवाजाही और उनसे सम्बन्धित वाहनों की गतिविधियां, राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रादेशिक राजमार्गों पर सामानों की आवाजाही, कार्गो की लोडिंग-अनलोडिंग और बस, ट्रेन या हवाई जहाज से आने वाले लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचने को भी लॉक डाउन से मुक्त रखा गया है।
राज्य में आने वाले सभी लोगों के लिए पूर्व की भांति ही राज्य सरकार के पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग से किसी परमिट या अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। राज्य में प्रवेश के समय चेक पोस्ट पर सम्बन्धित दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। आईसीएमआर के मान्यता प्राप्त लैब से जो लोग खुद को कोरोना नहीं होने का प्रमाण पत्र लेकर 72 घंटे के भीतर उत्तराखंड में आएंगे, उन्हें बेरोकटोक आने दिया जाएगा और उन्हें एकांतवास (क्वारंटाइन) नहीं किया जाएगा। हालांकि ऐसे लोगों को राज्य सरकार के उपरोक्त पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते समय आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट को अपलोड करना जरूरी होगा, जिसका सम्बन्धित जिला प्रशासन राज्य की सीमा में दाखिल होने के समय सत्यापन भी करेगा।
उत्तराखंड में बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट वाले अब प्रतिदिन अधिकतम सीमा 1500 लोग (ट्रेन और हवाई जहाज को छोड़कर) ही आ सकेंगे। पर्यटकों को इस अधिकतम सीमा से बाहर रखा गया है। हालांकि संकट की परिस्थितियों में सम्बन्धित जिलाधिकारी को इसके अलावा 50 परमिट जारी करने का अधिकार होगा। प्रदेश की सीमा पर प्रवेश के समय रैंडम टेस्ट में अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाएगा तो यह उस जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि वह स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के प्रोटोकोल का अनुपालन करे।