उत्तराखंड में प्लास्टिक कैरीबैग पर लगा बैन

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प्लास्टिक

उत्तराखंड में अब हर तरह के प्लास्टिक कैरी बैग पूर्णत: बैन कर दिए गए हैं। शनिवार से इनका उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगेगा। प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आनंद वर्द्धन ने इसके आदेश कर दिए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गए। प्रमुख सचिव की ओर से किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी मोटायी या साइज के प्लास्टिक कैरी बैग पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगे।

यानी आप किसी भी मोटाई के प्लास्टिक से बने बैग अब प्रयोग नहीं कर सकेंगे। जबकि अब तक केवल 50 माइक्रोन से नीचे के प्लास्टिक के बैग प्रतिबंधित थे। लेकिन शनिवार से हर तरह के प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग गैर कानूनी हो जाएगा।  इसके साथ ही किसी भी रंग या साइज के नान वोवन पॉली प्रोपाइलिन बैग भी इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा रेस्टोरेंट, ढाबे या होटल से प्लास्टिक या थर्माकोल के बैग या डिब्बे में पका हुआ खाना लाना भी पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसको जुर्माना देना पड़ेगा। वहीं किसी शादी, पार्टी या घर में थर्माकोल, प्लास्टिक या अन्य तरह के वन टाइम यूज बर्तन, कटलरी सेट, जूस स्ट्रा प्रयोग करना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके इस्तेमाल पर भी जुर्माना लगेगा।

बायोमेडिकल या सॉलिड वेस्ट के लिए छूट
आदेश के अनुसार बायो कंपोस्टेबल या 50 माइक्रोन से ज्यादा मोटे प्लास्टिक बैग बायोमेडिकल वेस्ट और अन्य तरह के खतरनाक वेस्ट को रखने या ले जाने के लिए इस्तेमाल हो सकेंगे। इस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। क्येांकि ये उस वेस्ट को प्रकृति से दूर रखने में सहायक होगा।

किस पर कितना जुर्माना

  • उत्पादनकर्ता-पांच लाख रुपये
  • परिवहनकर्ता-दो लाख रुपये
  • खुदरा विक्रेता, क्रेता-एक लाख रुपये
  • व्यक्तिगत उपयोग-सौ रुपये
  • (नोट : दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना राशि दोगुनी हो जाएगी।)

किसे होगा चालान का अधिकार

  • डीएम या उनकी ओर से नामित तहसीलदार या उससे ऊपर का अधिकारी
  • नगर आयुक्त, स्थानीय निकायों के कार्यकारी अधिकारी या उनकी ओर से सेनेट्री सुपरवाइजर या उससे ऊपर का अधिकारी
  • पुलिस अधीक्षक या उनकी ओर से नामित दरोगा या उससे ऊपर का अधिकारी
  • डीएफओ या उनकी ओर से नामित रेंजर या उससे ऊपर का अधिकारी
  • कर आयुक्त या उनकी ओर से नामित सहायक आयुक्त या ऊपर का अधिकारी
  • परिवहन आयुक्त या उनकी ओर से नामित संयुक्त आयुक्त या ऊपर का अधिकारी
  • पीसीबी क्षेत्रीय अधिकारी या उनकी ओर से नामित सहायक अभियंता या ऊपर का अधिकारी

छह माह में उत्पादन होगा बंद
प्रदेश में जहां प्लास्टिक,थर्माकोल व नान वोवन प्रोपइलिन आदि का इस्तेमाल बैन कर दिया गया है, वहीं इनका उत्पादन भी बंद किया जाएगा। आदेश के अनुसार इन सभी प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करने वाली कंपनियों को छह माह के भीतर उत्पादन बंद करना होगा। इसके बाद सरकार की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शादी, पार्टियों या आयोजनों में करनी होगी उठान की व्यवस्था
आदेश के अनुसार किसी शादी, पार्टी या अन्य आयोजन में आयोजन स्थल स्वामी या प्राधिकारण को वहां एक विशेष जगह पर सारा प्लास्टिक कचरा जमा करवाना होगा। इसकी रिसाइक्लिंग के लिए पीसीबी में पंजीकृति रीसाइक्लर को भेजा जाएगा। इसके अलावा होटल, रेस्टारेंट, फूड कैफे, वैन और काउंटर में भी सारा प्लास्टिक कचरा जमा कर ओनर की ओर से ही रीसाइकिल करवाने को भेजा जाएगा। साथ ही प्लास्टिक पैकिंग में सामान जैसे कोल्ड्रिंक, चिप्स, बिस्किट सहित अन्य खाद्य या पदार्थों से निकला प्लास्टिक कचरा जमा कर रीसाइकिल करवाने का खर्च निर्माता या डिस्ट्रीब्यूटर को नगर निकाय को देना होगा।

उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन ने बताया कि मुख्यत: तीन तरह चीजें बैन की गई हैं, जिसमें किसी भी तरह के प्लास्टिक कैरी बैग, प्लास्टिक या नान वोवन पॉली प्रोपाइलिन बैग, थर्माकोल या प्लास्टिक के फूड पैकेजिंग बर्तन और शादी, पार्टी या घर पर इस्तेमाल होने वाले थर्माकोल प्लास्टिक बर्तन, कटलरी सेट और अन्य सामान शामिल है। इनका उपयोग करने पर जुर्माना लगेगा। जिसके लिए कई विभागों को नामित किया गया है।