आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। चर्चा है कि तीन नए चेहरे कैबिनेट में शामिल होंगे। 2022 में करीब इसी समय उत्तराखंड चपनावों के रंग से साराबोर होगा।चुनाव से एक साल पहले खाली पड़े तीन मंत्री पद को भरने की चर्चा है। सीएम ने हाल ही में दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इन मुलाकातों में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई है।
कैबिनेट में फिलहाल दो मंत्री और एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद खाली है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रावत को छोड़कर 6 कैबिनेट मंत्री सतपाल महराज, सुबोध उनियाल, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत और अरविंद पांडेय शामिल हैं। वहीं रेखा आर्य और धान सिंह रावत दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।
पिछले चार सालों में पार्टी के कई विधायक मंत्रीपद की रेस में शामिल रहे हैं। हांलाकि, पार्टी ने इनमे से कई को अन्य पद देकर अडजस्ट भी किया है। कालाढूंगी से विधायक और वरिष्ठ नेता बंसीधर भगत अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है, बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट और गंगोत्री से विधायक गोपाल रावत को चारधाम देवस्थानम बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। वहीं, विकासनगर से विधायक मुन्ना सिंह चौहान को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता के तौर पर नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी और डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल मंत्रीपद की दौड़ में आगे हैं।पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सीएम ने कैबिनेट विस्तार के लिए कुछ नामों पर चर्चा की है, जिस पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से सहमति मिल गई है। उम्मीद है कि आगामी बजट सत्र में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र एक से 9 मार्च तक चलेगा।
2017 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार में दो मंत्री पद खाली थे, जिसमें से एक कैबिनेट मंत्री के लिए और दूसरा राज्य मंत्री के लिए था। हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली पद की संख्या बढ़कर तीन हो गई।