उत्तराखंड में कर्मचारियों के भत्ते में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी। यह निर्णय शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया। इसके साथ ही राज्य में कोरोना की सैंपलिंग और जांच प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्णय किया गया। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने निर्णय किया है कि किसी भी कार्मिक के किसी भी रूप में भत्ते में कटौती नहीं की जाएगी। मुख्य सचिव से लेकर नीचे के सभी कार्मिकों का प्रत्येक माह में एक दिन का वेतन वर्तमान वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा। पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी। दायित्वधारियों का मौजूदा पूरे वित्त वर्ष में प्रत्येक माह में पांच दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैंः
- राज्य में कोरोना सैंपलिंग और जांच की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। प्राइवेट लैब को टेंडर प्रक्रिया से लेने के लिए चार दिन की अवधि निर्धारित की गई है।
- मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान की गई है। बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान शेष सभी कृषकों को दिया जाएगा। बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दिया जाएगा तथा कोल्ड स्टोर और वातानुकूलन वैन पर भी अनुदान दिया जाएगा। 15 लाख रुपये लागत के कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत अनुदान और 26 लाख रुपये की वातानुकूलन वैन की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
- श्रम विभाग के श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोरोना कर्मचारियों को 28 दिन के एकांतवास अवधि का वेतन भुगतान करना होगा
- सभी दुकानों एवं कारखानों, जहां 10 से अधिक कर्मचारी हैं, वहां पर कोरोना की रोकथाम के लिए सेनेटाइजर की व्यवस्था की जाएगी।
- उत्तराखंड उपखनिज 2016 चुगान नीति में परिवर्तन करते हुए निगम के पट्टे की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई। यदि अन्य क्षेत्र में टेंडर के बाद कोई फर्म नहीं मिलती है तो इसका संचालन निगम करेगा।
- कोरोना स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार तीन माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया है। अग्रिम धनराशि को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया। निदेशक के तीन करोड़ रुपये के अधिकार को अब प्राचार्य भी उपयोग कर सकेंगे।
- श्रम सुधार अधिनियम में यूनियन बनाने के लिए कर्मचारियों के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की संख्या कर दी गई है।
- रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्री की डिजिटल नकल दो रुपये प्रति पृष्ठ और न्यूनतम 100 रुपये की गई है।
- आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए तीन माह की निर्धारित अवधि बढ़ाकर 20 फरवरी, 2021 की गई।
- मेगा इंडस्ट्री एवं इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में संशोधन करते हुए वैधता अवधि 31 मार्च, 2020 से 30 जून, 2020 की गई।
- उत्तरकाशी में 1000 मीट्रिक टन क्षमता को बनाने के लिए मंडी परिषद को 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13 करोड़ 46 लाख रुपये में बनाने का अधिकार दिया गया।
- जिला योजना समिति के चुनाव के संबंध में अध्यादेश लाते हुए जिलाधिकारी प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से कार्य करा सकते हैं।
- पंचायती राज अध्यादेश लाते हुए जहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधान का चुनाव नहीं हो पाया है एवं अन्य पदों का चुनाव हो गया है, वहां जिलाधिकारी के माध्यम से शेष पदों पर मनोनयन किया जा सकता है।