गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर होली के रंग में रंगी जनता और सरकार

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भराड़ीसैंण (गैरसैंण) चमोली,  गैंरसैंण को उत्तराखंड की गीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के ठीक एक दिन बाद होली का खुमार गैरसैंण की जनता और सरकार के सिर चढ़कर बोला। सुबह यहां भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन के बाहर खुशी से सराबोर आसपास के गांवों के बाशिंदों और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने पहुंचकर सरकार के नुमाइंदों के साथ अबीर-गुलाल से होली खेली।
वैसे तो होली का त्योहार 10 मार्च को है लेकिन यहां गैरसैंण में इसकी धूम मच गई। गैरसैंण को त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की बुधवार को विधानसभा में जो घोषणा की, उसे लेकर यहां के निवासियों में खुशी का आलम है। गैरसैंण घाटी के गांवों के लोग करीब आठ-दस किलोमीटर पैदल चलकर सुबह से ही भराड़ीसैंण पहुंचना शुरू हो गए। इनमें उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और गैरसैंण के समर्थक भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से पहले ही इसकी हरी झंडी दी जा चुकी थी।
स्थानीय लोगों, जन प्रतिनिधियों, विधायकों और मंत्रियों ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने को लेकेर एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। इनमें खासतौर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, उनके काबीना मंत्री मदन कौशिक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और तमाम भाजपा विधायक इस जश्न में शामिल हुए। खुशी के इस जश्न में हर कोई एक दूसरे को गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की बधाई देने को आतुर दिखे।
हालांकि भाजपा विधायकों ने जब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक प्रीतम सिंह और उप नेता विपक्ष करन महरा को रंग गुलाल लगाना चाहा तो उन्होंने इशारों से मना कर दिया, इस तरह सियासी पार्टी लाइन की खाई यहां साफ दिखाई दी। जो यह तस्दीक करता है कि राजनीतिक दलों के बीच गैरसैंण को लेकर भले ही मतभेद बरकरार हैं लेकिन यहां के बाशिंदों को मुख्यमंत्री की यह घोषणा रास आ रही है।