उत्तराखंड के चमोली जिले में आज ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद से उत्पन्न हालात के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बात की और हरसंभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज असम में हैं। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर बात की और ताजा हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। उन्होंने बचाव और राहत कार्य का जायजा लिया है। अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।”
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बात की। उन्होंने आपदा की इस घड़ी में राज्य को हरसंभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिया। बाद में उन्होंने ट्वीट किया, “उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की हैं। सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं। देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी। एनडीआरएफ की कुछ और टीमें दिल्ली से एयर लिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं।”
उधर, हेलीकॉप्टर से दोपहर बाद चमोली पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जानकारी दी है, “राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। ग्लेशियर फटने से वहां बन रहे बांध को क्षति पहुंची है। मानवक्षति के बारे में अभी अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। पानी की तीव्रता चमोली तक आते-आते काफी कम हो गई है।”
इस बीच आईटीबीपी के प्रवक्ता ने बताया, “आईटीबीपी को सुबह 10 बजे के पास सूचना मिली थी कि ऋषि गंगा के ऊपर अचानक पानी का बहाव बढ़ गया और जोरों की आवाज आई। वहां कुछ मजदूर काम कर रहे थे। हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। हमने 200 से ज़्यादा जवानों को तैनात किया है। स्थिति नियंत्रण में है।”
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के अनुसार चमोली और जोशीमठ के आसपास ग्लेशियर फटने से बांध पर असर हुआ है। ग्लेशियर ऋषिगंगा पर आकर गिरा है, बीआरओ द्वारा जो ब्रिज बनाया जा रहा था, उस पर भी असर हुआ है। एसडीआरएफ और आईटीबीपी पहले से जोशीमठ में है। हम एनडीआरएफ की 3-4 टीमों को रवाना कर रहे हैं।
इंडियन एयरफोर्स के सी-130 और एएन-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से एनडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए ले जाया जा रहा है, इन्हें जॉलीग्रांट से एयरलिफ्ट किया गया है। भारतीय सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार और एनडीआरएफ को समर्थन देने के लिए हेलीकॉप्टरों और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों के समन्वय में शामिल है। सेना मुख्यालय निरंतर स्थिति की निगरानी कर रहा है।