उत्तरकाशी: भारत-चीन सीमा पर जवानों के साथ सीएम त्रिवेंद्र ने मनाई दिवाली

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भारत चीन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज दिवाली के मौके पर भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उत्तरकाशी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने पहले भारत चीन सीमा की अग्रिम चौकी कोपांग में तैनात आईटीबीपी की चौकी में जवानों से मुलाकात की। मिष्ठान्न बांट कर दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उसके बाद हर्षिल में सेना के जवानों को मुख्यमंत्री ने दिवाली की शुभकामनाएं दी।
– सेना व आईटीबीपी जवानों संग दिवाली मनाने इंडो-चाइना बॉर्डर पर कोपांग और हर्षिल पहुंचे सीएम
– मुख्यमंत्री ने कोपांग में तैनात आईटीबीपी के जवानों के साथ दीवाली मनाई और शुभकामनाएं दीं
शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीमा पर हिमवीरों संग मनाई दिवाली मनाई। बीते वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवानों के साथ दिवाली मनाने हर्षिल पहुंचे थे। इस बार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ दिवाली मनाने इंडो-चाइना बॉर्डर स्थित कोपांग और हर्षिल पहुंचे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र हेलीकॉप्टर से हर्षिल पहुंचे, जहां गंगोत्री विधायक गोपाल रावत और डीएम मयूर दीक्षित ने उनका स्वागत किया। उसके बाद मुख्यमंत्री कोपांग में तैनात आईटीबीपी के जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे।
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कोपांग में मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों से मुलाकात कर उन्हें मिठाई वितरित की।मुख्यमंत्री ने जवानों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं।उसके बाद वह हर्षिल में तैनात बिहार रेजिमेंट के जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे। इस मौके पर त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सेना और आईटीबीपी से प्रदेश का बहुत ही गहरा नाता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार और प्रदेशवासी सेना और आईटीबीपी के साथ हर मोर्चे पर हमकदम हैं, ताकि भारत माता का स्वाभिमान बना रहे।
मुख्यमंत्री  ने आईटीबीपी की असिस्टेंट कमांडेंट अनीता चौधरी से बात करते हुए कहा कि जो लोगों की धारणा होती थी कि महिलाएं कैसे सीमा पर रहकर वर्दी पहनकर हाथों में हथियार लेकर सुरक्षा कर सकेगीं, उनकी यह गफलत दूर हुई है। सीमांत क्षेत्रों में महिला सैनिक मजबूती का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने दुर्गम एवं सीमान्त क्षेत्रों में महिला अधिकारी जिस जज्बे के साथ ड्यूटी कर रही हैं, यह सबके लिए अनुकरणीय है। राज्य के आईएएस, आईएफएस एवं आईपीएस अधिकारियों की  कैम्पिंग हम सीमांत क्षेत्रों में साल भर में एक बार करेंगे।
उन्होंने कहा कि बर्फीले विषम भौगोलिक परिस्थितियों के इलाकों में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही देश का भविष्य और सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं। भारत आज रक्षा के क्षेत्र में दुनिया के अव्वल देशों में शुमार है। भारतीय फौज व सशस्त्र बलों की बहादुरी की पूरी दुनिया में मिसाल दी जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पिताजी भी सेना में रहे हैं, एक सैनिक परिवार से होने के नाते मेरा सैनिकों से व्यक्तिगत लगाव भी है। सेना एवं अर्द्ध सैन्यबलों के प्रति देश का सम्मान, श्रद्धा एवं विश्वास का भाव रहता है। मुख्यमंत्री रावत ने वीर जवानों की अविस्मणीय सेवा के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए दिवाली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें दीं।
इस मौके पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, अपर जिलाधिकारी तेजपाल सिंह  उपजिलाधिकारी देवेन्द्र नेगी, कमांडेट 35 वीं बटालियन आईटीबीपी अशोक सिंह बिष्ट, उप सेनानी अरविन्द चंद, 9 बटालियन  बिहार रेजीमेंट कर्नल राजेंद्र प्रसाद, मेजर संकोई, मेजर जेपी संधू, आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल सहित अन्य अधिकारी व सेनानी मौजूद थे l