उत्तराखंडः विधानसभा में कांग्रेस ने उठाया सर्किल रेट बढ़ाने का मुद्दा

0
525
कांग्रेस

भराड़ीसैंण,  बजट सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने सदन में बेतहाशा बढ़ाये गए सर्किल रेट का मुद्दा उठाते हुए इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों की एक समिति बनाने की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के सर्किल रेट को लेकर किये गए मनमाने फैसले से भूखंडों की रजिस्ट्री की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिससे सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने पीठ से मांग की कि सर्किल रेट का मुद्दा बेहद गंभीर है। इसलिए इस पर नियम 310 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए। पीठ ने इसे नियम 58 के तहत चर्चा के लिए स्वीकार किया। चर्चा की शुरूआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सर्किल रेट बढ़ाये जाने का ठोस आधार होता है लेकिन राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से इसमें वृद्धि की है। कई स्थानों पर तो भूखंडों के सर्किल रेट में 300 से 600 फीसदी तक का इजाफा किया गया है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहां भूखंड के सर्किल रेट बाजार भाव से भी ज्यादा कर दिए गए हैं। इसका प्रतिकूल प्रभाव भूखंडों की खरीद-फरोख्त पर पड़ रहा है। नतीजतन, लोग नई रजिस्ट्रियां नहीं करा रहे हैं। केवल वही रजिस्ट्रियां हो रही हैं, जिनके पहले से एग्रीमेंट किये जा चुके हैं।

हृदयेश ने कहा कि इससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। एक ओर सरकार के पास वेतन और पेंशन देने तक के लिए धन नहीं है दूसरी ओर सरकार आय के परम्परागत स्रोतों से भी पर्याप्त राजस्व वसूल नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार आला अफसरों की एक कमेटी गठित करे, जो इसका तर्कसंगत हल ढूंढे। चर्चा में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने भी हिस्सा लिया।

सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि अलग-अलग इलाकों में रेट अलग जरूर हैं लेकिन पूरे राज्य में औसतन 15 फीसद ही सर्किल रेट बढ़े हैं। सर्किल रेट बढ़ाए जाने की एक निर्धारित प्रक्रिया है। जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति हर पहलू को ध्यान में रखकर क्षेत्रवार सर्किल रेट बढ़ाए जाने की संस्तुति के साथ शासन को रिपोर्ट भेजती है। शासन स्तर पर गठित आला अफसरों की समिति उसका अध्ययन कर निर्णय लेती है। मदन कौशिक ने बताया कि 13 जनवरी, 2019 से 06 मार्च, 2019 तक प्रदेश में कुल 30 हजार 587 रजिस्ट्रियां हुईं। इस वर्ष इसी समान अवधि में यह संख्या 32 हजार 481 पहुंच गई है। यह पिछले साल के मुकाबले 6 फीसद अधिक है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अगर इसमें कोई खामी है तो सभी विधायकों से सुझाव मांगे जाएंगे और मुख्य सचिव से एक पखवाड़े के अंदर इनका हल निकलवाया जाएगा।