उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों से घबराएं नहीं, शासन-प्रशासन मुस्तैदः मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए घबराने की आवश्यकता नहीं है। पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी केस बढ़ रहे हैं। शासन-प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे यहां बेड, आक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू आदि आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में हैं। हमारे चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। हमारे यहां मृत्यु दर कम है। बस कुछ सावधानी रखने की आवश्यकता है। जरूरी होने पर ही घर से निकलें। निर्धारित शारीरिक दूरी बनाकर रखें। मास्क का अनिवार्यता से प्रयोग करें। कार्यस्थल पर सेनेटाइजेशन की व्यवस्था हो और एकांतवास के नियमों का अक्षरक्षः पालन करें।
मुख्य सचिव ने रविवार को यहां पत्रकारों को बताया कि अभी तक कोरोना के कुल 298 पाॅजिटिव केस आए हैं। इनमें से 56 केस ठीक होकर जा चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव केस 238 हैं। पिछले कुछ दिनों में संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में एक्टिव केस हैं। उत्तराखंड में सैंपल के पाॅजिटिव पाए जाने की दर 1.75 प्रतिशत है। हमारे यहां संक्रमित मामलों में से मृत्यु की दर भी अन्य बहुत से राज्यों की तुलना में कम है। अभी इन कुछ दिनों में पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार इनका अगले 10 दिनों तक परीक्षण किया जाएगा। अगर इस दौरान इनमें कोई लक्षण नहीं पाए जाते हैं और सातवें दिन से 10 दिन के भीतर बुखार नहीं है तो इन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 2 लाख 47 हजार से अधिक लोगों ने उत्तराखंड वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 1 लाख 54 हजार से अधिक लोगों को विभिन्न माध्यमों से वापस लाया जा चुका है। अगले कुछ दिनों में गुजरात, तेलंगाना, पुणे, दिल्ली, जयपुर से ट्रेन से प्रवासी लोगों को लाने की योजना तैयार की जा रही है। त्रिवेन्द्रम से एक स्पेशल ट्रेन हरिद्वार आएगी। चेन्नई से भी ट्रेन की व्यवस्था की जा रही है। जयपुर से काठगोदाम भी प्रस्तावित है। उत्तराखंड के 200 व्यक्ति 24 देशों से भारत वापस आ चुके है। इनमें से तीन एकांतवास अवधि को पूरा कर चुके है। जबकि शेष अभी एकांतवास में हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि बाहर से आए लोगों को एकांतवास का पालन करना है। इसका उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी गई है। उन्होंने वापस लौटे प्रवासी लोगों से अपील की कि धैर्य और संयम बनाए रखें। एकांतवास का उल्लंघन न करें। स्वयं भी सुरक्षित रहें और अपने परिवार और समाज को भी सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड के प्रवासी लोगों को वापस लाने में सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। निर्धारित नियमों के अनुसार आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। आने वाले व्यक्तियों की सूचना, जिला प्रशासन और ग्राम स्तर तक तैनात कार्मिकों को भी दी जा रही है। इसके अलावा वापस आए लोगों से फोन पर भी कंट्रोल रूम द्वारा निरंतर सम्पर्क रखा जाता है। प्रत्येक जिले में रेस्पांस टीमों का गठन किया गया है जो कि लगातार फील्ड में जाकर एकांतवास किए गए लोगों पर नजर रखती हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 4500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां शुरू की गई हैं। 6 हजार से अधिक कन्स्ट्रक्शन साइटों पर काम शुरू हुआ है। आर्थिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं। मनरेगा में 2 लाख 20 हजार से अधिक लोगों को काम मिला है। 8 हजार नए लोगों ने मनरेगा में पंजीकरण कराया है। इनमें से 5 हजार से अधिक लोगों को काम मिल चुका है।
मुख्य सचिव ने बताया कि दिसम्बर में आस्ट्रेलिया से 240 मेरिनो भेड़ें मंगाई गई थीं। इन्हें टिहरी में रखा गया । इन भेड़ों की ऊन की कटाई की गई है। इसके बेहतर परिणाम मिले हैं। अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी की ऊन मिली है। भेड़ से सामान्यतः 1.5 से 2 किग्रा ऊन मिलती है। इन मेरिनों भेड़ से 5 से 6 किलोग्राम ऊन प्रति भेड़ प्राप्त हुई है। अब इनके माध्यम से भेड़ नस्ल सुधार का काम किया जाएगा। प्रदेश के भेड़पालकों को इससे बहुत लाभ होगा।