देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना की भयावहता को देखते हुए एहतियात के तौर पर सैम्पलिंग और सर्विलांस के जो निर्देश दिए थे, उस पर सभी जिलों में तेजी से काम हो रहा है। नतीजतन, सर्विलांस और सैम्पलिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है। इन दिनों राज्य में प्रति मिलियन जनसंख्या पर सैम्पलिंग का औसत बढ़कर 9,981 हो गया है।
राज्य के सभी जनपदों में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से घर -घर जाकर सर्विलांस किया जा रहा है। पता लगाया जा रहा है कि किसी में कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। विशेष रूप से सीनियर सिटिजन और गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की जानकारी रखी जा रही है। अधिकांश जिलों में सर्विलांस के 2 या 2 से ज्यादा राउंड हो चुके हैं। उत्तरकाशी में 4, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चमोली व टिहरी में 3-3, बागेश्वर, चम्पावत, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर में 2-2 और पिथौरागढ़, देहरादून व हरिद्वार में 1-1 राउंड सर्विलांस का काम किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को आगे भी लगातार करते रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी गम्भीरता से सर्विलांस करने और इससे प्राप्त जानकारियों के आधार पर जरूरी कदम उठाने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने सैम्पलिंग और टेस्टिंग को भी बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। राज्य में सैम्पलिंग में लगातार वृद्धि हो रही है। इस सप्ताह औसतन 2487 सैम्पल प्रतिदिन लिये गए जबकि पिछले सप्ताह यह औसत 1660 प्रतिदिन था। प्रति मिलियन जनसंख्या पर सैम्पलिंग का औसत बढ़कर 9,981 हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत से कुछ ही कम है। एक सप्ताह में इसके राष्ट्रीय औसत से ऊपर जाने की पूरी संभावना है। चम्पावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी और रुद्रप्रयाग में सैम्पलिंग, राष्ट्रीय औसत से अधिक है। टेस्टिंग और सैम्पलिंग को बढ़ाने के लिए जिलाधिकारियों को प्राइवेट लैब का भी उपयोग करने को कहा गया है। जिलों में ट्रूनॉट मशीनें और एंटीजन टेस्टिंग किट भी उपलब्ध करवाई गई हैं। राज्य में वर्तमान में 342 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर हैं, जिनमें 23436 बेड की क्षमता है। इनमें से 22762 अभी खाली हैं। कोविड फेसिलिटी में आईसीयू बेड 338, वेंटिलेटर 243 और ऑक्सीजन सपोर्ट बेड 1197 हैं। इनकी संख्या में भी लगातार वृद्धि की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में पाजिटिव मामलों में वृद्धि देखी गई है परंतु स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सर्विलांस और टेस्टिंग व सैम्पलिंग पर फोकस किया जा रहा है। सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समय पर उचित इलाज उपलब्ध हो।”