प्रधानमंत्री के साथ बैठक में सीएम ने बताई हरिद्वार कुंभ में कोरोना वैक्सीन की जरूरत

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कोरोना के मुद्दे पर हुई वर्चुअल बैठक में कहा कि कोरोना वैक्सीन का आवंटन करते समय अगले साल हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ को भी ध्यान में रखा जाए। इस वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी प्रतिभाग कर रहे थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें पूरी आशा और विश्वास है कि बहुत जल्द ही हमारे विशेषज्ञ वैक्सीन बनाने में सफल होंगे। राज्य सरकार के स्तर पर इसके लिए जो प्राथमिकताएं तय करनी है, उसके लिए सुनियोजित तरीके से रणनीति बनाई जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि जनवरी से अप्रैल 2021 तक हरिद्वार में कुम्भ का आयोजन होना है, जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस बल एवं हेल्थ वर्कर काम करेंगे। राज्य को वैक्सीन की उपलब्धता के लिए हरिद्वार कुंभ को भी ध्यान में रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सिनेसन के लिए राज्य स्तर पर स्टेयरिंग कमेटी बनाई गई है। जिला स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है और इसकी लगातार बैठकें भी हो रही हैं।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि आठ राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसको नियंत्रित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों के संगठित प्रयासों से देश में कोरोना काफी हद तक नियंत्रण में है। कोरोना से लड़ने के लिए समय-समय पर अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज रिकवरी रेट एवं फर्टिलिटी रेट दोनों में भारत अधिकतर देशों से बहुत संभली हुई स्थिति में है। सभी के अथक प्रयासों से देश में टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट तक का एक बहुत बड़ा नेटवर्क आज कार्य कर रहा है। इसका लगातार विस्तार भी किया जा रहा है। कोरोना के मैनेजमेंट को लेकर सबके पास एक व्यापक अनुभव है। सभी मुख्यमंत्री अपने अनुभवों को जरूर साझा करें, ताकि कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति बन सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कोरोना पर नियंत्रण हुआ है लेकिन अभी भी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। हम आपदा के संमंदर से किनारे तक आ गये हैं लेकिन यह ध्यान रहे कि अब कोई भी लापरवाही न रहे। कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता अभियान लगातार चलाये जाएं। हमें पॉजिटिविटी रेट को 5 प्रतिशत से कम रखना होगा और आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान देना होगा। कोरोना वैक्सीन की दिशा में विशेषज्ञों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। वैक्सीन कब तक उपलब्ध होती है, और शुरुआती चरण में कितनी उपलब्ध होती है, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। वैक्सीन सभी को लगवाई जायेगी, लेकिन इसके लिए शुरुआती चरण में प्राथमिकताएं क्या होंगी, राज्य सरकारें भी इस पर अपना सुझाव जरूर दें। वैक्सिनेसन के लिए राज्यों द्वारा कोल्ड चेन स्टोरेज और विभिन्न मापदण्डों के आधार पर व्यवस्थाएं कर ली जाएं। इसके लिए राज्य सरकारों द्वारा स्टेट लेबल पर एक स्टेयरिंग कमेटी और स्टेट, डिस्ट्रिक व ब्लॉक लेबल पर टास्क फोर्स के गठन किया जाए। इन कमेटियों की रेगुलर बैठक व ट्रेनिंग हो, जिसकी मॉनिटरिंग भी हो।
इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सभी राज्यों के मुख्यंमंत्री, उत्तराखंड से मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीजीपी (लॉ एण्ड ऑर्डर) अशोक कुमार, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी आदि भी उपस्थित थे।