उत्तराखंड के धारचूला क्षेत्र के विधायक हरीश धामी यहां के आपदा प्रभावित इलाकों में गुरुवार को हालात का जायजा लेकर लौटने के दौरान एक हादसे में बाल-बाल बच गए।
दरअसल, पिथौरागढ़ जनपद के मोरी गांव में आपदा प्रभावित लोगों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और अन्य प्रशासनिक एजेंसियों द्वारा पिछले 12 दिन से राहत एवं बचाव कार्य निरंतर जारी है। रेस्क्यू के लिए वहां पर हेलीकॉप्टर भी लगाया गया है। आपदा प्रभावित लोगों को अस्थाई शिविरों में ठहराया गया है, जहां उनके खाने-पीने का प्रबंध प्रशासन द्वारा किया गया है। जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, अन्य प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि रोजाना इलाके का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। विधायक हरीश धामी पहले दिन से ही आपदा प्रभावित इलाके में अपने समर्थकों के साथ डटे हुए हैं।
हरीश धामी गुरुवार को जब आपदा प्रभावित इलाके से लौट रहे थे तो वह उफनते नाले को रस्सी के सहारे पार कर रहे थे। इसी दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया और वह तेज बहाव में बहने लगे। मलबे का बहाव इतना तेज था कि वे करीब आठ-दस मीटर तक बह गए। साथियों ने किसी तरह उनको बचाया। बोल्डरों की चपेट में आने से विधायक के हाथ, पैर और माथे पर चोटें भी आई हैं।
उल्लेखनीय है कि 19 जुलाई को मेतली, बगीचागांव, लुम्ती आदि गांवों में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिसके बाद वहां व्यापक स्तर पर तबाही हुई। इसके बाद 29 जुलाई को भी मोरी गांव में इसी तरह की घटना हुई। दोनों घटनाओं में कुल 14 लोग इस आपदा में अपनी जान गंवा बैठे। इसके अलावा कई घर मलबे में तब्दील हो गए और मवेशी भी आपदा के शिकार हुए। बिजली-पानी की लाइनें और सड़कें तथा पहुंच मार्ग भी ध्वस्त हो गए। एसडीआरएफ की टीम को एक दिन तो मौके पर पहुंचने के लिए 18 किमी पैदल चलना पड़ा। गुरुवार को उपरोक्त हादसे के बाद विधायक हरीश धामी भी खुद आठ किमी पैदल चलकर चामी में आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचे। वहां मौजूद सेना के फार्मासिस्ट से प्राथमिक उपचार कराने के बाद उन्हें थोड़ी बहुत राहत मिली। इस मौके पर विधायक ने कहा, “इस आपदा की घड़ी में मेरे दर्द से अधिक प्रभावितों का दर्द मायने रखता है। मेरा प्रभावितों तक हरसंभव मदद पहुंचाने का प्रयास जारी रहेगा।”
उधर, आपदा प्रभावित इलाके में सेना और एसडीआरएफ के जवानों ने गुरुवार को बंगापानी विकासखंड के आपदाग्रस्त गांव लुमती और बगीचाबगड़ में तीन दिनों से फंसे 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया। गुरुवार को जवानों ने उफनाती दुगड़ी नदी के ऊपर रस्सी और ड्रम बांधकर 50 ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बाकी ग्रामीणों के लिए शुक्रवार को रेस्क्यू अभियान जारी रहेगा।