“इंग्लिश विंग्लिश” सीखेंगे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे

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“कई बार मुझे ऐसा लगा कि अंग्रेजी भाषा में विशेषज्ञता की कमी के कारण मेरे जीवन में कुछ कमी सी है। ऐसा नहीं है कि हम हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व नहीं कर रहे हैं लेकिन मुझे लगता है कि छात्रों को अंग्रेजी समझने और सीखने में सक्षम होना चाहिए ताकि यदि कभी भी आवश्यकता हो वे छोटी-छोटी बातचीत कर सकें, और दूसरे प्राइवेट स्कूलों से वह अपने आप को कम ना समझे।” ये कहना है उत्रातराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का।

इसी परेशानी को दूर करने के लिये राज्य में सरकारी स्कूल के छात्र जो आमतौर पर अंग्रेजी में बातचीत और पढ़ाई नहीं करते हैं उनके लिए राज्य शिक्षा विभाग अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों को तीसरी से बारहवीं क्लास के छात्रों को पढ़ाने की योजना बना रही है। साथ ही उनकी भाषा कौशल बढ़ाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले अंग्रेजी शब्दों और फ्रेजों को पढ़ाने की योजना बना रही है।

कुछ आम अंग्रेजी शब्दों को किस तरह से लोगों के बीच में रखना है के बारे में पूछे जाने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग शुरू में 50 शब्दों की सूची तैयार करने की योजना बना रहा है। इससे छात्रों को भाषा में फ्लूऐंसी बनाने में मदद मिलेगी। नैनीताल जिले के प्रोफेसर शैलेंद्र जोशी को उन शब्दों की सूची तैयार करने के लिए कार्य दिया गया था, उन्होंने बताया कि “मूल रूप से हमारा उद्देश्य छात्रों की शब्दावली बढ़ाने का हैं, इसलिए हम इन शब्दों के उपयोग की बेहतर समझ के लिए वाक्य /वाक्यांशों की एक सूची तैयार कर रहे हैं।अभी इस योजना का रफ ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है और अंतिम सूची 18 जून तक तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसको ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा, जो इसे स्कूल के शिक्षकों के साथ साझा करेंगे ताकि जुलाई में नए सत्र शुरू होने के बाद वे छात्रों के साथ दैनिक बातचीत में ये शब्द या वाक्यों का उपयोग कर सकें।”

ये हैं वो कुछ वाक्य और शब्द जिन्हें सरकार छात्रों को सिखायेगी

  • How are you doing?
  • That’s interesting.
  • I feel much better.
  • It’s your turn.
  • It’s not difficult.
  • Tell me.
  • I can do it.
  • I am having fun.
  • Slow down.
  • you are wasting my time among others.

सरकार की इस पहल पर एमपीजी कॉलेज मसूरी के अंग्रेज़ी विभाग के एचओडी रह चुके गणेश सैली मानते हैं कि “इस तरह की कोशिशें आधी पकी दाल की तरह हैं। इससे बच्चों को कोई फ़ायदा नहीं होगा।” सैली कहते हैं कि अगर बच्चों को अंग्रेज़ी सिखानी है तो सही तरह से पूरी सिखाई जाये ताकि वो सही मायनों में उनके काम आ सके।छात्रों को इस तरह अंग्रेजी के वाक्य सिखाने को कुछ जानकार बहुत सही कदम नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह छात्रों को आधा अधूरा ग्यान देने ये क्य़ा हासिल होगा?”