उत्तराखंड विधानसभा के चुनावों के एक्जिट पोल ने पहाड़ पर बीजेपी का परचम लहराकर सरकार बनाने की कयासबाजी को हवा दे दी है। 2017 के विधान सभा चुनाव में से पहले से विभिन्न सर्वेक्षणों में पीछे चल रही कांग्रेस को एक बड़ा झटका अलग-अलग चुनावी रुझानों के एक्जिट पोल से लगा है। जिसकी गाज अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर पड़नी शुरू हो गयी है। लगातार पहाड़ों पर कार्यकर्ताओ की नाराजगी समय समय पर पीके को लेकर सामने आयी और कार्यकर्ताओं ने इसका गुस्सा जाहिर किया।ऋषिकेश में राहुल गाँधी की जनसभा सिर्फ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में तब्दील हो गयी जिसमे अपेक्षा अनुसार भीड़ नहीं जुट पायी। कार्यकर्ताओ ने उस समय भी पीके की टीम को लेकर नाराजगी उठायी जिसे संगठन ने दबा दिया था क्योंकि सूबे के मुख्यमंत्री पीके के जादुई चमत्कार से प्रभावित थे और प्रशांत किशोर को बढ़ती उम्र में टॉनिक और ‘‘च्यवनप्राश’’ का नाम देकर बस उसके सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की सोच रहे थे। लेकिन एक्जिट पोल के रुझानों ने कार्यकर्ताओ को बोलने का मौका दे दिया है।
अब कांग्रेसी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रशांत किशोर को ‘च्यवनप्राश’ बताने वाले बयान पर सीधा निशाना साध रहे है। गौरतलब है मुख्यमंत्री ने कहा था कि ‘‘बढ़ती उम्र में ऐसे टॉनिकों का सहारा लेना पड़ता है।’’ हरिद्वार -ऋषिकेश और देहरादून में प्रशांत किशोर को लेकर लगातार कार्यकर्ता नाराजगी जाहिर करते रहे जिस से आने वाले नतीजो 11 मार्च को अगर कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता तो प्रशांत किशोर की न केवल पहाड़ में हवा निकल जाएगी और ये सबसे बड़ा झटका हरीश रावत के साथ साथ विजयी रथ पर निकले प्रशांत किशोर उर्फ़ पीके के लिए भी होने जा रहा है।हरीश रावत ने एक्जिट पोल के सर्वे को लेकर पूछे प्रश्नों में इन रुझानों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है और कहा है कि पहले भी पहाड़ की जनता इन सभी सर्वे को गलत साबित कर चुकी है और अब भी यही होने जा रहा है 11 तारीख को सब आपके सामने होगा।