केन्द्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तराखंड को आस

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में उत्तराखंड को खासी आस जगी है कि यहां के किसी एक सांसद को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। 2014 के चुनाव में उत्तराखंड ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को बुरी तरह पराजित किया, जिनके जीतने की पुरजोर उम्मीद बताई जा रही थी। यहीं के देहात से चुनाव लड़े हरीश रावत को भी अच्छी खासी पटकनी दी गई। परिणाम यह रहा कि हरीश रावत विधानसभा तक में नहीं पहुंच पाए।

इसी प्रकार नैनीताल ससदीय सीट पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के दमदार नेता भगत कोश्यारी ने केसी बाबा को हराकर जीत ली। उन्होंने भी अच्छे मत से यह सीट हासिल की। पौड़ी संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी ने अपनी विजय पताका फहराई। वहीं, टिहरी संसदीय सीट पर महारानी माला राज लक्ष्मी ने अपना वर्चस्व बनाए रखा, जबकि अल्मोड़ा संसदीय सीट से अजय टम्टा ने अपनी कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी प्रदीप टम्टा को पराजित किया। बावजूद केवल अजय टम्टा ही कपड़ा राज्यमंत्री हैं,शेष अभी सांसद भी हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार में पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी बढ़ती उम्र के चलते स्वत: बाहर हो गए हैं, जबकि मुख्य मुकाबला डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और भगत सिंह कोश्यारी के बीच आंका जा सकता है। हालांकि श्री कोश्यारी भी हीरक जयंती की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में कोश्यारी और डॉ निशंक में से एक को मंत्री बनाया जाना लगभग तय है। दोनों दिग्गजों की अपनी अलग-अलग छवि है, जहां कोश्यारी संगठन के महारथी हैं और हर क्षेत्र में उनकी स्वीकार्यता है। वहीं डॉ निशंक वाणी की सौम्यता और साहित्य के महारथी होने के कारण प्रदेश में लोकप्रिय हैं।
उत्तराखंड में कई बार प्रधानमंत्री ने डबल इंजन की चर्चा की थी और उत्तराखंड के विकास की बात कही थी। ऐसे में चार सांसदों में से किसे मंत्री दायित्व मिलेगा यह समय बताएगा पर इससे निश्चित रूप से इससे उत्तराखंड के विकास को गति मिलेगी।