हरिद्वार। जनपद में मायापुर, लक्सर, रुड़की और सिडकुल मिलाकार चार फायर स्टेशन हैं। चार फायर स्टेशन होने के बाद भी इन स्थानों पर पर्याप्त मात्रा में उपकरण नहीं हैं। साथ ही उपकरणों का प्रयोग करने वाले फायरमैन की कमी भी है। चीफ फायर ऑफिसर राजेंद्र खाती का कहना है कि आचार संहिता खत्म होने के बाद ही खाली पदों को भरा जा सकता है।
पिछले साल हरिद्वार में कुल 346 आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं। इसमें करीब 25 करोड़ की संपत्ति जलकर राख हो गई थी। इस साल 10 मई तक 157 आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। ताजा मामला मंशा देवी की पहाड़ी पर लगी आग का है। इसके साथ ही फायर सीजन शुरू हो चुका है और सिडकुल जैसे क्षेत्र में आए दिन आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। बावजूद इसके फायर स्टेशनों पर पर्याप्त उपकरण न होना और कर्मियों की कमी चौंकाने वाली है।
हरिद्वार के चीफ फायर ऑफिसर राजेन्द्र सिंह खाती ने बताया कि जिले में प्रतिदिन लगभग 2-3 आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में फायरमैन की कमी एक बड़ी समस्या है। खाती ने बताया कि हरिद्वार में फायरमैन के प्रमोशन हो गए थे। इसके बाद से ही जिले में लगभग 30 फायरमैन की कमी है। उन्होंने कहा कि अब आचार सहिंता हटने के बाद दोबारा भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकती है।