उत्तराखंड सरकार ने नया भू-कानून लागू कर दिया है, जिससे बाहरी लोग राज्य के 11 पहाड़ी जिलों में उद्यान और कृषि भूमि नहीं खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कैबिनेट ने इस कानून को मंजूरी दी, जिससे 2018 में लागू भू-कानून के सभी प्रावधान निरस्त कर दिए गए हैं।
नए कानून के तहत पहाड़ी जिलों की जमीनों को अतिक्रमण से बचाने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती लागू की जाएगी। पूर्व में जिलाधिकारी को भूमि खरीद की अनुमति देने का अधिकार था, लेकिन अब उनके अधिकार सीमित कर दिए गए हैं और वे व्यक्तिगत रूप से ऐसी अनुमति नहीं दे सकेंगे।
प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति की क्रय की गई जमीन को दर्ज किया जाएगा। राज्य से बाहर के लोगों को भूमि क्रय के लिए अनिर्वाय रूप से शपथ पत्र देना होगा। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपनी होगी। नए भू-कानून में प्रावधान किया गया है कि नगर निकाय सीमा में आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू-उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा। यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।