रिकवरी रेट में उत्तराखंड देश में लद्दाख के बाद दूसरे नंबर पर: मुख्यमंत्री

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    मुख्यमंत्री
    देहरादून, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि गृह एकांतवास पर रखे गये लोगों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया जाए
    • कन्टेनमेंट जोन माइक्रो लेबल के बनाये जाएं
    • नैनीताल में बनाया जाएगा 500 बेड का कोविड केयर सेंटर
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह एकांतवास एवं पर्यटन स्थलों पर सतत निगरानी के लिए पीआरडी, होमगार्ड एवं अन्य लोगों की ड्यूटी लगाई जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए। हाई रिस्क मामलों एवं आरोग्य सेतु ऐप पर भी नियमित निगरानी रखी जाए। सर्विलांस सिस्टम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। चार मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। इन जनपदों में सेनेटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। अभी प्रदेश में 558 कोरोना के सक्रिय मामलों में से 473 इन चार जनपदों में हैं। शेष 9 जनपदों में 85 एक्टिव केस हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सब्जी मंडियों  एवं पर्यटक स्थलों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं कोरोना के अन्य मानकों का पूरा अनुपालन किया जाए। मानकों का अनुपालन न करने वालों पर कारवाई की जाए। जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) माइक्रो लेबल पर बनाए जाएं, ताकि उनकी निगरानी भी सही तरीके से हो एवं लोगों को अनावश्यक परेशानियां न हों।
    उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना सैंपल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जल्द ही कुछ और ट्रू-नेट मशीन राज्य को मिलने वाली हैं, जिससे सैंपलिंग में और तेजी आयेगी। उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिए कि एसडीआरएफ के सहयोग से नैनीताल में 500 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाए। अभी उत्तराखंड रिकवरी रेट में देश में लद्दाख के बाद दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिन जनपदों की सीमाएं अन्य प्रदेशों के जनपदों की सीमाओं से लगी हैं, सतर्कता के दृष्टिगत उस जनपद के प्रशासन से समन्वय रखा जाए।  मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए  की मानसून के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारु रखी जाएं। रिस्पांस सिस्टम कम से कम किया जाए। डेंगू से बचाव के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान सभी जिलाधिकारी एवं उनकी टीम अच्छा कार्य कर रहे हैं लेकिन अभी हमको पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने होंगे। जनता का भी सकारात्मक सहयोग मिला है।
    मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सर्विलांस सिस्टम को प्राथमिकता पर रखा जाए। सभी जिलों में सैंपल टेस्टिंग टारगेटेड हो। हमें कोरोना से बचाव के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी ध्यान  देना होगा। प्रधानमंत्री के जान और जहान दोनों कांसेप्ट पर काम करना होगा। कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में स्थिति नियंत्रण में हैं, आगे भी हमारे प्रयास इसी तरह के होने चाहिए। बैठक में बताया गया कि काशीपुर में अधिक एक्टिव केस के दृष्टिगत काशीपुर में लॉक डाउन किया गया है।
    बैठक में सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी, सचिव शैलेश बगोली, पंकज पाण्डेय, एसए मुरूगेशन, आईजी संजय गुंज्याल, अपर सचिव सोनिका, महानिदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. अमिता उप्रेती सहित सभी जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।