देहरादून। उत्तराखंड में प्रोन्नत आईएएस और सीधी भर्ती के आईएएस अलग-अलग कारणों से नाराज चल रहे हैं। स्थिति इतनी विस्फोटक हो गई है कि जहां प्रोन्नत आईएएस पूरी तरह नाराज चल रहे हैं, वहीं सीधी भर्ती के आईएएस भी खुश नहीं हैं। इसका कारण विभागों के बंटवारे में मनमानापन बताया जा रहा है। कुछ अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देकर उनका अधिक वजन बढ़ाया जा रहा है, जबकि कुछ को महत्व ही नहीं दिया जा रहा। जिस कारण प्रोन्नत और सीधी भर्ती के आईएएस नाराज हैं।
सूत्रों का मानना है कि अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, जो भारी-भरकम नौकरशाहों में शामिल हुआ करते थे तथा उनका अपना एक रुतबा हुआ करता था और मुखिया के बेहद नजदीक थे, को भी भाव नहीं दिया जा रहा है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि उनको भाव न देकर उनके अधीनस्थों को विशेष सम्मान मिल रहा है। इसी का प्रमाण है उनके विभागों में भी कटौती करना जो सीधे-सीधे गुटबाजी का प्रमाण देने को काफी है। इस बात की जानकारी प्रदेश के मुखिया को भी है, जिस कारण स्थिति और गंभीर हो गई है।
दूसरी तरफ, कुछ प्रोन्नत आईएएस अधिकारी अवकाश पर चले गए हैं और कुछ जाने की तैयारी में हैं। कुछ अधिकारी अवकाश लेने की अभी तैयारी में हैं, जो अनिश्चितकालीन अवकाश पर जा सकते हैं। यही स्थिति सीधी भर्ती के आईएएस की भी है जो विभागीय बंटवारे को लेकर खुश नहीं है। उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि आईएएस एसोसिएशन की 13 अप्रैल को होने वाली बैठक टाल दी गई है। इसके भी कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। अब दोबारा आईएएस एसोसिएशन की बैठक के लिए 17 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है लेकिन उस दिन भी बैठक होने की संभावना कम है। यदि सूत्रों का अनुमान सही निकला तो बैठक हंगामेदार होने की वजह से अध्यक्ष और महामंत्री दोनों इसे टालने की कोशिश कर रहे हैं।
उधर, प्रदेश के मुखिया भी वेट एण्ड वॉच की स्थिति में हैं। नगर निकाय चुनाव सिर पर होने के कारण वह आईएएस लॉबी को नाराज नहीं करना चाहते लेकिन पूरे घटनाक्रम से परिचित हैं। इसी का प्रमाण यह नाराजगी है, जो कभी भी उग्र रूप ले सकती है।