बारिश एवं बर्फबारी के बीच विश्व प्रसिद्ध 11वें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार को भैयादूज के अवसर पर प्रात: 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये है।
– उप्र और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और त्रिवेंद्र सिंह रावत बने इसके साक्षी
– बारिश और बर्फबारी के कारण दोनों मुख्यमंत्री केदारनाथ में फंसे
– श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल रवाना
मंदिर आज तड़के तीन बजे खोला गया। पहले श्रद्धालुगणों ने भगवान केदार के दर्शन किये। इसके पश्चात मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने बाबा की समाधि पर पूजा संपन्न की तथा 6.30 बजे भगवान भैरवनाथ जी को साक्षी मानकर गर्भगृह को बंद किया गया। 8.30 बजे सभा मंडप तथा मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया। इस अवसर पर उप्र और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्रमशः योगी आदित्यनाथ और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद थे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष में 1,35,023 श्रद्धालुओं ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। बाबा के जय घोष के साथ डोली प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना की गई, जहां देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, कोषाध्यक्ष आरसी तिवारी एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल उत्सव डोली की अगवानी करेंगे। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंच मुखी चल विग्रह उत्सव डोली हिमालय से रवाना होकर लिनचोली, जंगलचटटी, गौरीकुण्ड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 17 नवम्बर को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, मैखण्डा, नारायणकोटी, नाला यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 18 नवम्बर को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से रवाना होकर भैसारी, विद्यापीठ, संसारी होते हुए दोपहर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी और 19 नवंबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी।
उल्लेखनीय है कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवम्बर को शीतकाल के लिए बंद हो गये। श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज 12 बजकर 15 मिनट पर बंद हो रहे हैं। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवम्बर को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट भी 19 नवम्बर सुबह 7 बजे बंद हो होंगे। मद्महेश्वर मेला 22 नवम्बर को आयोजित होगा।
आज बाबा केदार नाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर उप्र और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के अलावा उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उप्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप्र के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ केएस पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, एसपी रुद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर, प्रशासनिक/ मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, भैरवनाथ जी के पश्वा अरविंद शुक्ला, सुभाष सेमवाल सहित तीर्थ पुरोहित एवं हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।