केंद्रीय पर्यटन सचिव ने लिया केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों की प्रगति का जायजा

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केदारनाथ
केदारनाथ में किए जा रहे कार्यों का जायजा लेने के लिए भारत सरकार के सचिव संस्कृति राघवेंद्र सिंह तथा उत्तराखंड सरकार के सचिव पर्यटन केदारनाथ धाम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण किया।
जावलकर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान राघवेंद्र सिंह को केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से अवगत करवाया गया। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश कार्यदाई संस्था को दिए गए हैं। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध उद्योगपति सज्जन जिंदल भी उपस्थित रहे। जिंदल स्टील वर्क्स ने केदारनाथ विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध करवाई है, जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। भारत सरकार के संस्कृति सचिव ने इस अभूतपूर्व योगदान के लिए जिंदल को विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया।
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दोनों अधिकारियों ने नेपाल भवन का निरीक्षण  किया और स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित  करने का  प्रस्ताव दिया। केन्द्रीय सचिव ने कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया, जिनमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित  किया जाना है। राघवेंद्र सिंह ने केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण किया और किन्हीं चार स्थलों (पड़ावों) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया।
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालु अब देवस्थानम पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा हेतु अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। इससे स्थानीय होटल एवं रिसॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।