उत्तराखंड क्रांति दल बड़े आंदोलन की तैयारी में

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मुख्यमंत्री

उत्तराखण्ड क्रांति दल एक बार फिर से आंदोलन करने के लिए कमर कस रहा है। यूकेडी ने पांच बिन्दुओं पर आंदोलन केंद्रित कर राज्य एवं केन्द्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, यूकेडी 25 जुलाई से इस आंदोलन का आगाज करना तय किया है।

यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट की अध्यक्षता में दल के प्रमुख नेताओं ने बैठक की, जिसमे पांच बिन्दुओंपर चर्चा हुई। जिसमें पंचेश्वर बांध का जनता का सहयोग लेकर पुरजोर विरोध, राज्य की परिसम्पत्तियों को हर हाल में वापस लेना। किसानों को निराशा के भंवर से निकालकर आंदोलन के लिए प्रेरित करना, उत्तराखण्ड के साथ ही सम्पूर्ण भारत को शराब मुक्त कराने के लिए आंदोलन, बेरोजगारों के लिए दूरगामी नीति बनाकर प्रभावी हल निकालना पर चर्चा हुई।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिवाकर भट्ट ने कहा कि पंचेश्वर बांध उत्तराखण्ड के तीन जिलों में बनाया जा रहा है। जिसमें लगभग 122 गांव और 30 हजार परिवारों के प्रभावित होने की संभावना है। राज्य की 2,60,000 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होकर नष्ट हो जायेगी। उन्होंने कहा यूकेडी हमेशा बड़े बांधों के विरोध में रही है, अभी टिहरी बांध के दंश को लोग पूरी तरह से भूल भी नहीं पाये हैं कि एक और बांध की रुपरेखा तैयार की जा रही है। जिसका यूकेडी पुरजोर विरोध करती है, यूकेडी का मानना है कि छोटे बांध बनाकर नदियों को धारा को अविरल बहने दिया जाये।

राज्य की परिसम्पत्तियों के विषय में कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की क्या बात हुई इसकी जानकारी जनता को नहीं दी जा रही है। यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल का बयान उत्तराखण्ड के लिए चिंता का विषय है। इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। राज्य के लोगों के हकों पर हम कतई डाका नहीं डालने देंगे। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड में पहली बार किसानों ने आत्महत्या की है। यह उत्तराखण्ड पर कंलक के समान याद किया जायेगा। किसानों को निराशा के भंवर से बाहर निकालकर अपने हकों के लिए आंदोलन करने के लिए यूकेडी प्रेरित करेगी।

दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के लिए आंदोलन किया जायेगा। बल्कि पूरे देश में शराबबंदी की मांग की जायेगी। बेरोजगारों के मुद्दे पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार युवाओं को रोजगार के लिए खोखले वायदे किये हैं। बेरोजगारों के भविष्य के साथ निरन्तर खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब यूकेडी आंदोलनों तक ही सीमित नहीं रहेगी बल्कि राज्य की सत्ता को अपने हाथ में लेने के लिए भाजपा-कांग्रेस से मुकाबला करेगी। बैठक में पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार, बीडी रतूड़ी, ओमी उनियाल, सुरेन्द्र कुकरेती, डीएन डोडरिया आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।