क्षेत्रीय विधायक की गोहरी माफ़ी की बाढ़ पर अनदेखी पर भड़का उत्तराखंड क्रांति दल

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ऋषिकेश,उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पवार का कहना है कि, “उत्तराखंड सरकार अवैध बस्ती और मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश ला रही है, लेकिन जो यहां के मूल निवासी हैं उनकी उपेक्षा की जा रही ,है जिसका जीता जागता उदाहरण गोहरी माफ़ी की बाढ़ है, जिसकी अनदेखी की जा रही है।”

एक हफ्ता होने जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। क्षेत्रीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल अपने क्षेत्र की पूरी तरह से अनदेखी करी, ना यहां पर बाढ़ की सुरक्षा दीवार बनाई, और ना ही कोई काम किया जिसके चलते ग्रामीणों में काफी गुस्सा है। विधानसभा अध्यक्ष के इस रवैया की  निंदा करते हुए क्षेत्रीय विधायक से  नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग करता है। जो विधायक अपने कामों के प्रति सक्षम ना हो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रशासन की बेरुखी से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

गौरतलब है कि लगातार हो रही बारिश से गौहरीमाफी गांव मे सौग नदी का तटबंध टूटने से बाड  जैसे हालत हो गये थे ।  तीनो सौ परिवार पर इसका सीधा असर पढ़ रहा है, बारिश से सौंग नदी का जलस्तर बढ़ने से गौहरीमाफी के तीन सौ से अधिक परिवार  को प्रशासन की ओर कोई  भी राहत नहीं मिली है। ग्रामीणों का सरकार की बेरुखी से नाराजगी बढ़ती जा रही है। उत्तराखंड क्रांति दल राज्य सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। रोहिंग्या मुसलमानों अौर अवैध बस्तियों के खिलाफ सरकार अध्यादेश तो ले आई लेकिन जो उत्तराखंड के मूल निवासी हैं उनकी अनदेखी कर रही है। बाढ़ पीड़ित लगातार प्रशासन से और राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है आखिर इसमें उत्तराखंड के निवासियों का क्या दोष है।