मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को ट्रेड लाइसेंस, सम्पति कर एवं मिश्रित सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए बनाये गये साॅफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-आफिस कार्यप्रणाली लागू होने से विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी आयेगी और गुणात्मक सुधार होगा। नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन किये जाने से पारदर्शिता तथा जवाबदेही में भी वृद्धि होगी। साथ ही नागरिकों को इन सेवाओं की प्राप्ति सुगम, सुलभ एवं घर बैठे प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी लोगों को यह सुविधा दी जाए। राज्य के निकायों में जो लोग व्यावसायिक गतिविधियां कर रहे हैं, उनका पूरा रिकार्ड रखा जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विभागीय कामकाज को ई-प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। राज्य में सचिवालय के कामकाज को ई-ऑफिस से जोड़े जाने के पश्चात इस कड़ी में राज्य के शहरी विकास निदेशालय को भी ई-आफिस के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। शहरी विकास निदेशालय ई-ऑफिस के रूप में परिवर्तित होने वाला राज्य का पहला निदेशालय है। ई-ऑफिस लागू होने से शहरी विकास निदेशालय की समस्त विभागीय पत्रावलियों को अब डिजिटल प्लेटफार्म पर ई-फाइलिंग के रूप में परिचालित किया जाएगा। नेशनल इनफॉरमेटिक सेंटर ( एनआईसी) एवं आईटीडीए के सहयोग से ई-ऑफिस कार्यप्रणाली को स्थापित किया गया है।
सचिव, शहरी विकास, शैलेश बगौली ने बताया कि नगर निकायों के माध्यम से दी जाने वाली जन-आधारित सेवाओं को भी डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने की पहल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स भारत सरकार तथा उनकी सहयोगी ई-गव (e-gov) फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से आरम्भ किया गया है तथा अल्पावधि में ही नगर निकायों की महत्वपूर्ण सेवाओं को ऑनलाइन किये जाने की कार्यवाही पूर्ण की गई है। बगौली ने बताया कि अर्बन रिफार्म्स एवं ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से निदेशालय स्तर पर एक सेल के गठन का प्रयास किया जा रहा हैं ताकि अर्बन गवर्नेंस को राज्य में बेहतर किया जा सके।
अपर सचिव एवं निदेशक विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शहरी विकास निदेशालय को पेपरलेस कर डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने का कार्य अत्यंत कम समय मे किया गया है, जो राज्य के अन्य विभागों के लिये एक रोल मॉडल सिद्ध होगा। सुमन ने बताया कि ई-ऑफिस हेतु समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है।शहरी विकास विभाग के द्वारा नगर निकायों के माध्यम से जनसामान्य को दी जाने वाली कतिपय महत्वपूर्ण सेवाओं को भी आज से ऑनलाइन कर दिया गया है। राज्य में अब नगरवासी संपत्ति कर, ट्रेड लाइसेंस एवं अन्य सेवाओं को ई-प्लेटफार्म पर किसी भी स्थान से प्राप्त कर सकेंगे। लोकापर्ण कार्यक्रम में नगर निगम देहरादून के एक व्यवसायी को ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस जारी किया गया जबकि नगर निगम रूड़की के संपत्ति कर के एक आवेदन को ऑनलाइन जमा किया गया। नगर निगम देहरादून के अन्य सेवाओं से संबंधित एक प्रकरण का भी ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करते हुए शुल्क की प्राप्ति की गई।