उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जितेंद्र त्यागी ने इस्तीफा दे दिया है। इससे मेट्रो प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में ही राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। त्यागी ने अपने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारणों को बताया है।
वहीं, शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि कारपोरेशन के एमडी ने माहभर पहले निजी क्षेत्र में उत्तराखंड से बेहतर अवसर मिलने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट पर इस्तीफे का कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। राज्य सरकार अपने इसी कार्यकाल में मेट्रो के सपने को साकार करेगी।
देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच मेट्रो के सपने को साकार करने के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट में अधिकारी रहे जितेंद्र त्यागी को उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लि. के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस वर्ष एक फरवरी को उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया।
इस बीच 23 मार्च को कारपोरेशन का गठन हुआ और 23 मई को कारपोरेशन की पहली बैठक हुई। त्यागी को कारपोरेशन की कमान मिलने से उम्मीद जगी कि यह पहल अब तेजी से आगे बढ़ेगी। इस दिशा में कवायद भी होने लगी। त्यागी की पहल पर ही ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन को यहां भी मेट्रो का प्रमुख सलाहकार बनाने का सरकार ने आग्रह किया था।
तब सरकार की ओर से यह प्रस्ताव भी श्रीधरन को भेजा गया। इस बीच छह सितंबर को त्यागी ने नोटिस देते हुए सरकार को इस्तीफा सौंप दिया।
माना जा रहा कि दिल्ली मेट्रो जैसी फास्ट कार्यशैली में कार्य करने वाले त्यागी को यहां सरकारी कार्यशैली रास नहीं आ रही थी। हालांकि, त्यागी का कहना है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है।