देहरादून। उत्तराखंड में आयुर्वेद की असीम संभावनाएं हैं। प्रदेश के शहरी विकास, आवास, राजीव गांधी शहरी आवास, जनगणना, पुनर्गठन एवं निर्वाचन मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश का नेतृत्व करेगा।
सोमवार को एक स्थानीय होटल में आयुष विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में अध्यक्षीय भाषण में कौशिक ने कहा कि उत्तराखण्ड में आयुष, आयुर्वेद के विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। वर्तमान सरकार इन सम्भावनाओं के उपयोग के सम्बन्ध में अपनी नीतियां भी बना रही है। उन्होंने कहा कि हमारी परम्परा में एलोपैथ के पहले आयुर्वेद का स्थान आता है और आयुर्वेद को अत्यधिक महत्व भी दिया गया है लेकिन चकाचौंध की दुनिया में एलोपैथ का स्थान पहले हो गया है। इस कारण मरीज के साथ आयुर्वेद क्षेत्र के डॉक्टर भी एलोपैथ पर अधिक विश्वास करते हैं। इसके परिणामस्वरुप आज आयुर्वेद का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है लेकिन इस अन्तराल को हमारा उत्तराखण्ड अपना नेतृत्व देकर पूर्ण करेगा। इसलिए आवश्यकता है कि आयुर्वेद क्षेत्र के डॉक्टर अपनी पद्धति में विश्वास रखें और अपने स्वभाविक स्वरुप को सामने लाएं। मंत्री ने बाबा राम देव का उदाहरण देते हुए कहा कि योग हमारी प्राचीन परम्परा का मूल स्वरुप होते हुए भी अपेक्षाकृत कम लोकप्रिय था लेकिन बाबा रामदेव ने योग को आम जनता के सामने लाकर इसकी उपयोगिता को घर-घर तक पहुंचाया।
इस मौके पर आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा की हमारा लक्ष्य चिकित्सा पद्धति की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इसके लिए अनेक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। आने वाले दिनों में देहरादून, हरिद्वार के अतिरिक्त अन्य पहाड़ी जनपदों मेडिकल कॉलेज को प्राथमिकता दी जाएगी। आयुर्वेद के क्षेत्र में अनेक डॉक्टरों द्वारा उल्लेखनीय कार्य किया गया है। सरकार आयुष विभाग के सुधार के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।