उत्तराखंडः ट्रैकर्स की सुरक्षा के लिए आईजी (गढ़वाल) ने दिए पुलिस को जरूरी निर्देश

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ट्रैकिंग
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उत्तराखंड में वासुकीताल ट्रैकिंग रूट पर हाल ही में चार ट्रैकर्स के लापता होने की घटना के बाद आईजी (गढ़वाल परिक्षेत्र) अभिनव कुमार ने पुलिस को सतर्कता बरतने के दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य में बड़ी संख्या में देशी एवं विदेशी ट्रैकर ट्रैकिंग के लिए जाते हैं, इसलिए उनके साथ लोकल गाइड जरूर होना चाहिए ताकि रास्ता भटकने और जान जोखिम में फंसने की गुंजाइश न रहे।
अभिनव कुमार ने वासुकीताल के घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए परिक्षेत्र के जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया है कि गढ़वाल परिक्षेत्र के जनपदों में काफी संख्या में ट्रैकिंग रूट होने की दशा में देश एवं विदेश से काफी संख्या में पर्यटक/ट्रैकर्स ट्रैकिंग के लिए आते हैं। स्थानीय स्तर पर पर्यटन विभाग व कई ट्रेनिंग ग्रुप्स/आपरेटर्स भी विभिन्न रूट्स पर ट्रैकिंग करवाते हैं। ट्रैकिंग रूट्स दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में  होने के कारण जोखिमपूर्ण होते हैं तथा कभी-कभी ट्रैकिंग के दौरान किसी प्राकृतिक आपदा के कारण ट्रैकर्स के साथ घटना होने की भी आशंका रहती है। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यटक/ट्रैकर्स को स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों की सही जानकारी न होने पर रास्ता भटकने के कारण लापता होने की भी घटनायें भी प्रकाश में आई हैं। स्थानीय पुलिस प्रशासन के पास यथोचित ट्रैकिंग की पूरी जानकारी पूर्व से न होने के कारण उनकी मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है। इस सम्बन्ध में परिक्षेत्र के जनपदों में जो भी ट्रैकिंग रूट्स हैं, उनकी पूरी जानकारी जनपद मुख्यालय पर रखते हुए इन रूटों में ट्रैकिंग पर जाने वाले ट्रैकर्स की पूरी जानकारी सम्बन्धित थाना/जनपद मुख्यालय पर मौजूद रखें।
परिक्षेत्र के जनपद प्रभारियों को पर्यटक/ट्रैकर्स के ट्रैकिंग सम्बन्ध में कुछ खास दिशा-निर्देश निर्गत किए गए है, जो इस प्रकार हैंः
  • ट्रैकिंग पर जाने वाले ग्रुप/ट्रैकर्स का सम्बन्धित थानों में पूरा विवरण रखा जाए, मसलन ट्रैकर्स में कितने व्यक्ति हैं, उनके नाम, मोबाइल नम्बर, पता आदि का विवरण रखा जाए
  • ट्रैकिंग के पूरे रूट का विवरण और इस रूट पर ट्रैकिंग पूरा होने का सम्भावित समय की जानकारी ट्रैक आरंभ करने वाले पुलिस थाना/चौकी को रहे, ताकि ट्रैक समाप्त होने पर निकास बिंदु वाले थाना/चौकी को देने की व्यवस्था रखी जाए।
  • स्थानीय अभिसूचना इकाई/थाना/जनपद मुख्यालय स्तर के मीडिया सेल के माध्यम से ट्रैकिंग दल से समन्वय रखने की व्यवस्था की जाए।
  • यह प्रयास किया जाए कि जो भी ट्रैकिंग ग्रुप ट्रैकिंग पर जाएं, उनके साथ स्थानीय गाइड अवश्य रहें।
  • स्थानीय ट्रैकिंग आपरेटर्स, पर्यटन विभाग, वन विभाग व अन्य सम्बन्धित एजेन्सियों से भी इस सम्बन्ध में पूरा समन्वय रखा जाए तथा इन्हें यथासम्भव रूट की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
  • ट्रैकिंग रूट पर पड़ने वाले समस्त थानों/चौकियों/राजस्व पुलिस अपने-अपने क्षेत्र में ट्रैकिंग पर चल रहे ग्रुप का विवरण रखेंगे, ताकि ट्रैकर्स के मूवमेन्ट की पूरी जानकारी मिलती रहे।