उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटें जीतकर भाजपा ने तोड़ा मिथक

0
536
देहरादून।  उत्तराखंड में इस बार लोकसभा चुनाव में कई मिथक टूटे हैं। इसमें कहा जाता था कि जिस दल की प्रदेश में सरकार होती है वह लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाता लेकिन भाजपा ने इसे पूरी तरह तोड़ा है। पूरे देश की भांति उत्तराखंड में भी पांच कमल खिले ही हैं, भारी भरकम जीत से पार्टी के हौसले भी बुलंद है। पहले से ही  इसकी अपेक्षा थी। इसका कारण कांग्रेस द्वारा लंगड़े घोड़ों पर दौड़ लगाना था।
प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह जो मात्र चकराता के ही नेता हैं, टिहरी संसदीय सीट से उतारा गया। यही स्थिति पौड़ी संसदीय सीट पर भी रही जहां पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी राहुल गांधी की सभा में कांग्रेस में शामिल हुए और टिकट के अधिकारी बन गए। कांग्रेस के पास उम्मीदवारों की इतनी कमी थी कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा पर आरक्षित सीट अल्मोड़ा पर दांव लगाया। यही स्थिति नैनीताल संसदीय सीट की भी रही जहां कदावर नेता हरीश रावत को ही मैदान में उतार दिया गया।
हरीश रावत पहले से ही कांग्रेस की हिट लिस्ट में थे। मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ-साथ हर क्षेत्र में वह अपने को ही आगे किया जिसके कारण कांग्रेस में सामंजस्य भी नहीं था। यही स्थिति हरिद्वार की रही जहां कई घाटों का पानी पी चुके अम्बरीष कुमार को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया। इनकी छवि तो अच्छी थी पर कांग्रेस में ही उन्हें पसंद नहीं करते थे।
भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने कांग्रेस के ठीक विपरीत जिन लोगों पर विजयी पारी खेली उनमें पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा, टिहरी संसदीय सीट प्रत्याशी मालाराज लक्ष्मी शाह, पौड़ी संसदीय सीट के प्रत्याशी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत तथा नैनीताल संसदीय सीट के उम्मीदवार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नाम शामिल है। इन पांचों उम्मीदवारों ने अपनी विजय का डंका बजाया।
नैनीताल संसदीय सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने सात लाख 72 हजार 195 वोट लेकर कांग्रेस के हरीश रावत को मात्र चार लाख 33 हजार 99 पर समेट दिया। बसपा के नवनीत अग्रवाल 28 हजार 455 मत प्राप्त कर सके। इसी प्रकार लोकसभा क्षेत्र हरिद्वार में डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक 6 लाख 65 हजार 674 मत प्राप्त कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अम्बरीष कुमार को 4 लाख 6 हजार 945 मतों पर रोक दिया। बसपा के अंतरिक्ष सैनी एक लाख 73 हजार 528 मत मिले। लोकसभा क्षेत्र अल्मोड़ा में केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने 4 लाख 44 हजार 651 मत प्राप्त कर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा 2 लाख 11हजार 665 मतों पर रोक दिया।
यही स्थिति लोकसभा क्षेत्र पौड़ी की भी रही। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री तीरथ सिंह रावत 5 लाख 6 हजार 980 मत प्राप्त किये जबकि उनका सामना भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी से था। मनीष खंडूरी को केवल 2 लाख 4 हजार 311 मत मिले। यही स्थिति टिहरी में भी रही।  माला राज्य लक्ष्मी शाह 5 लाख 65 हजार 333 मत लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह 2 लाख 64 हजार 747 मतों पर समेट दिया।
इस भारी भरकम जीत से जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह का कद बढ़ा है वहीं अब लाॅबी जो मुख्यमंत्री पद की दावेदार थी को पीछे हटना पड़ेगा। मोदी मैजिक तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रत्याशियों की भागदौड़ का नतीजा सामने है। भाजपा ने इस जीत से एक मिथ तोड़ा है।