उत्तराखंड विस का शीतकालीन सत्र 21 से, विधायकों और स्टॉफ का भी होगा कोरोना टेस्टः स्पीकर

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विधानसभा
विधानसभा के 21 दिसम्बर से प्रारंभ होने वाले शीतकालीन सत्र के लिए की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था तथा आनुषंगिक व्यवस्थाओं पर विचार-विमर्श के लिए  विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल के सभापतित्व में विधानसभा भवन में बुधवार को उच्चाधिकारियों के संग बैठक आहूत की गई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने  कोविड-19 महामारी में सत्र को भलीभांति चलाए जाने के लिए सभी अधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा की।
बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिवालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाकचौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सत्र के दौरान आवश्यक व्यवस्थाओं को भी जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्होंने विधानसभा परिसर के अंदर व सभा मंडप में जारी प्रवेश पत्र एवं सुरक्षा चेकिंग, वाहनों की पार्किंग को लेकर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि वाहन चिह्नित स्थानों पर ही पार्क किए जाएं। अग्निशमन दल, चिकित्सा विभाग, एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली जाए। बिजली व पानी की सुचारु आपूर्ति में कोई व्यवधान न आए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अवगत कराया कि सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में अथवा विधायक निवास, देहरादून में सत्र से  पहले कोरोना का रैपिड टेस्ट, आरटी पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। इसकी टेस्ट रिपोर्ट सत्र के दौरान विधायकों द्वारा विधानसभा को देनी होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एसओपी का पालन करना होगा। साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आगंतुकों की थर्मल स्कैनिंग की जायेगी। स्वास्थ्य विभाग को सत्र के दौरान आवश्यक चिकित्सा दल, दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं मुस्तैदी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है। सत्र के दौरान मुख्य द्वार से ही सदन तक सभी को सैनिटाइज करवाया जाएगा। सत्र के दौरान विद्युत आपूर्ति, पानी की व्यवस्था एवं साफ सफाई चौक चौबंद रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। बैठक के दौरान रेस कोर्स स्थित विधायक निवास में सुरक्षा, स्वच्छता को लेकर भी अधिकारियों को कोराना को देखते हुए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के दिशा निर्देश दिए गये हैं।
कोविड-19 के दृष्टिगत इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा एवं अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा। सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं होगी। विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ आने वाले सहवर्ती का प्रवेश वर्जित  किया गया है। पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है। सत्र के दौरान अधिकारियों के लिए विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।