उत्तराखंड विधानसभा में कोरोना पर विपक्ष का हंगामा, 19 विधेयक पारित, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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उत्तराखंड विधानसभा
उत्तराखंड विधानसभा के एक दिवसीय मानसून सत्र का बुधवार को यहां अवसान हो गया। विपक्ष के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। बावजूद इसके सरकार कुल 19 विधेयक पारित कराने में सफल रही। इसके साथ ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
– शोर-शराबे के बीच 19 विधेयक पारित, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने पत्रकारों को बताया कि एक दिवसीय सदन की कार्यवाही सम्पन्न हो गई। सदन में कुल 19 विधयेक पारित किये गए। पहले से तय विषय कोरोना, आपदा, कानून व्यवस्था, रोजगार और महंगाई आदि विषयों पर चर्चा की गई। विशेषाधिकार हनन प्रश्न पर जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि कुल 42 विधायक सदन में उपस्थित हुए और 14 विधायक वर्चुवल जुड़े। सदन की कार्यवाही तीन घंटे 6 मिनट चली। सदन 2 घंटे 9 मिनट बाधित रहा।
उन्होंने बताया कि सभी मंत्रियों और विधायकों द्वारा पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी, पूर्व विधायक स्वर्गीय बृजमोहन कोटवाल और स्वर्गीय नारायण सिंह भैंसोड़ा को श्रद्धांजलि देने की औपचारिकता पूरी करने के बाद बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। मगर कोरोना पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया। इस बीच विपक्ष ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोरोना से 500 सौ से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए कोरोना पर चर्चा होनी चाहिए। इस दौरान विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और कार्यसूची फाड़ दी। इस धक्का-मुक्की के दौरान पीठ के समक्ष लगाई गई प्लास्टिक की सीट भी टूट गई। इस पर सदन की कार्यवाही अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हंगामे के बाद स्थगित की गई कार्यवाही अपराह्न एक बजे पुनः शुरू हुई। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायक पूरण सिंह फर्त्‍याल ने नियम 58 के तहत कार्य स्थगन की सूचना दी। पीठ ने फर्त्याल की नियम 58 की सूचना का संज्ञान ही नहीं लिया। विधायक ने टनकपुर जौलजीबी मोटर मार्ग में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर टेंडर करने से व्याप्त असंतोष की सूचना लगाई। दरअसल विधायक फर्त्‍याल अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे फिर शुरू हुई। सरकार सभी 19 विधेयक पारित कराने में सरकार सफल रही।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश और उप नेता विपक्ष करण माहरा कोरोना संक्रमित होने के कारण सदन में मौजूद नहीं हो सके। सदन में सत्ता पक्ष की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पांडेय, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, सतपाल महाराज, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, मुकेश कोली, भरत चौधरी व सुरेंद्र सिंह जीना मौजूद रहे, जबकि विपक्ष की ओर से प्रीतम सिंह चौहान, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, मनोज रावत व निर्दलीय प्रीतम पंवार मौजूद रहे। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत 14 विधायक वर्चुअल मोड में सदन की बैठक में शामिल हुए।
इससे पहले सुबह उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में भाग लेने जा रहे प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने सड़क पर भी हाई वोल्टेज ड्रामा किया। ट्रैक्टर से विधानसभा जा रहे कांग्रेस के इन विधायकों को पुलिस ने रिस्पना पर रोक दिया। इस पर नाराज विधायक प्रीतम सिंह, काजी निजामुद्दीन और मनोज रावत समेत कई विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। विधायक काजी निजामुद्दीन और प्रीतम सिंह ने कहा कि ट्रैक्टर से विधानसभा जाना कोई गुनाह नहीं है। पुलिस किस नियम के तहत उन्हें जाने से रोक रही है। इस पर पुलिस के अधिकारियों ने बीच-बचाव किया और कुछ देर बाद उन्हें ट्रैक्टर से विधानसभा जाने दिया। दरअसल, हाल ही में संसद द्वारा पारित कृषि विधेयक के खिलाफ विरोध जताते हुए ये विधायक ट्रैक्टर से विधानसभा पहुंचे।