मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से वार्ता करते हुए बताया कि उत्तराखण्ड को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Most Film & Friendly State का प्रथम पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। यह उत्तराखण्ड के पर्यटन के लिये शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है। गत वर्ष राज्य में आयोजित निवेश सम्मेलन में भी देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा सुझाव दिये गये थे, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति 2019 लागू की गई। मुम्बई में आयोजित कार्यक्रम में फिल्म जगत की बङी हस्तियों से संवाद कर उन्हें उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए आमंत्रित किया गया था।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से अभी तक लगभग 220 फिल्मों, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री आदि की शूटिंग की गई है। इनमें मीटर चालू बत्ती गुल, परमाणु, बाटला हाउस, कबीर सिंह, केदारनाथ, नरेन्द्र मोदी, स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2, डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित होने वाला कार्यक्रम Men vs Wild आदि कई बड़े नाम भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “राज्य सरकार द्वारा फिल्म नीति को आकर्षक बनाया गया है, जिसमें सिंगल विंडो शूटिंग अनुमति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गई है। अब राज्य में शूटिंग हेतु कोई भी शुल्क नही लिया जा रहा है। नई फिल्म नीति में रुपये 1.5 करोड़ तक अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। इसके साथ ही शूटिंग अवधि में पुलिस सुरक्षा निशुल्क उपलब्ध कराया जाना शामिल है। क्षेत्रीय फिल्मों को स्थानीय सिनेमाघरों द्वारा सप्ताह में एक शो अनिवार्य रूप से दिखाया जाना भी इसमें शामिल है।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “उत्तराखण्ड को विगत वर्ष राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत Special Mention Certificate for Film Friendly State प्रदान किया गया था। इस पुरस्कार हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा निर्धारित मानकों का परीक्षण कर यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार ease of filming, Infrastructure, अनुदान, database, marketing and permotion एवं विगत वर्षो में राज्य में शूटिंग की गई फिल्मों की संख्या आदि प्रमुख होती है।”
बड़ी संख्या में फिल्मों की शूटिंग से स्थानीय कलाकारों व्यवसासियों को भी लाभ होता है। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि अकेले स्टूडेंट ऑफ द इयर-2 फिल्म की शूटिंग पर फिल्म निर्माता ने राज्य में 13 करोड़ रूपये व्यय किये जिसका लाभ राज्य के लोगों को हुआ है साथ ही जीएसटी के रूप में राज्य सरकार को भी करोड़ो का राजस्व प्राप्त हुआ। राज्य में फिल्म शूटिंग स्टूडियो के निर्माण मे निजि संस्थान आगे आये हैं। एक संस्थान कोटद्वार में खुल गया है दूसरा शीघ्र देहरादून में शुरू होने वाला है। बड़ी संख्या मे दक्षिण के फिल्मकार भी राज्य के प्रति आकर्षित हुए हैं।
उत्तराखण्ड का सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है, यहां का शांत माहोल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं को पसन्द आया है। हमारा प्रयास राज्य के सीमान्त व सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक फिल्म निर्माताओं की पहुंच बनाने का है। इसमें ये क्षेत्र भी पर्यटन से जुड सकेंगे।