कहते हैं कि मुश्किल के समय जो काम आये वो ही सबसे बड़ी इंसानियत है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है भारत के आखिरी छोर केरला में जहां आपदा ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। इस सब के बीच केरला के लोगों के लिये देश के एकदम दूसरे छोर उत्तराखंड से मदद का हाथ सामने आया है। ये हाथ सरकार या किसी संस्थान का नही बल्कि उत्तराखंड के 34 साल के युवा प्रवीन रांगार का है। जीं हां, बाढ़ पीढ़ित राज्य करेल को अपनी सेवा देने के लिए प्रवीण का चुनाव हुआ है।
प्रवीन के नाम के साथ सालों का अनुभव और कौशल जुड़ा हुआ है और प्रवीण राष्ट्रीय कयाकिंग कोच और विभिन्न पर्वतारोहण संस्थानों में गेस्ट इंस्ट्रक्टर की तरह काम कर चुके हैं। इस मुश्किल की घड़ी में उत्तराखंड राज्य प्रवीन को राज्य की तरफ से मदद के लिए भेजना सबसे अच्छा प्रस्ताव देना है। प्रवीण मुश्किल के समय लोोगं की मदद करने में हमेशा आगे रहे हैं।
साल 2010 में प्रवीन ने गुलमर्ग में राहत और बचाव के लिए एक टीम का नेतृत्व किया था जिसमें 26 सेना के कर्मी बर्फ से दब कर मर गए थे। 2013 में उन्होंने अपनी टीम की सहायता से केदारनाथ जलप्रलय से प्रभावित लोगों की सहायता की।
वर्तमान में प्रवीन तीस योग्य राफ्टर्स और गाइड की एक टीम का नेतृत्व कर रहे है। प्रवीन ने अपनी टीम के सदस्यों का चुनाव 20-30 वर्ष के बीच के युवाओं का किया है, जो कि अखिल भारतीय टूर ऑपरेटर, पर्यटन मंत्रालय की एक मान्यता प्राप्त इकाई के अंर्तगत आता है।
एटीओएआई ने बाढ़ प्रभावित राज्य, केरल में बचाव और राहत कार्यों में सहयोग और सहायता के लिए प्रवीन को आमंत्रित किया है। अपने पैकिंग से छोटा से ब्रेक लेते हुए वह न्यूज़पोस्ट को अपने इस अभियान के बारे में बताते हैं, “मुझे सिर्फ एक घंटे पहले यह पत्र प्राप्त हुआ था, मैं राहत कार्य और बचाव में सहायता के लिए पूरे भारत से बीस राफ्ट, दस कयाक और लगभग तीस ट्रेन्ड गाईड लेने की तैयारी कर रहा हूं। “
प्रवीन की टीम केरला पहुंच चुकी है, जहां वैभव कला और अक्षय कुमार टीम के साथ समन्वय कर रहे हैं।
आगे बात करते हुए प्रवीन ने हमें बताया कि, “हम पहले स्थिति को देखेंगे और यदि आवश्यक हो, तो हमें उत्तराखंड से और मदद मिलेगी। मैंने टीम को बताया है कि हमें अपनी सुरक्षा का ध्यान पहले रखना है क्योंकि हम बचावकर्ता हैं और फिर यह सुनिश्चित करना के हैं कि और कोई नुकसान ना हो। “
हम इस युवा और उनकी टीम को शुभकामनाएं देते हैं।