उत्तराखंड: चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं को पंजीकरण कार्ड नहीं, मिलेगा रिस्ट बैंड

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    चारधाम

    उत्तराखंड में चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार हाइटेक फोटो मेट्रिक पंजीकरण सुविधा उपलब्ध होगी। आइटी सेक्टर में काम करने वाली संस्था एथिक्स इन्फोटेक को इस बार यह काम सौंपा गया है। आफ लाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं को क्यूआर कोड सुविधा वाला हैंड बैंड उपलब्ध कराया जाएगा। आनलाइन पंजीकरण कराने वाले के लिए मोबाइल एप और वेबसाइट के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ऋषिकेश हरिद्वार सहित यात्रा मार्ग पर सभी प्रमुख सेंटर 15 अप्रैल से काम करना शुरू कर देंगे।

    वर्ष 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के बाद राज्य सरकार की ओर से यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। बाद में इस सेवा को फोटो मैट्रिक कर दिया गया था। कोरोना काल में इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई थी। इस वर्ष चार धाम यात्रा की तैयारी को लेकर 28 फरवरी को ऋषिकेश में आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार ने सभी प्रमुख अधिकारियों की बैठक बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। इसमें चार धाम यात्रा पर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया था। यात्री पंजीकरण का कार्य अब तक त्रिलोक सिक्योरिटी सिस्टम की ओर से किया जाता था। इस वर्ष यह काम आइटी सेक्टर में काम करने वाली संस्था एथिक्स इन्फोटेक को दिया गया है।

    पुरानी व्यवस्था के अनुसार पंजीकरण केंद्र या मोबाइल वेन के जरिए यात्री को कैमरे के आगे खड़ा करके कंप्यूटर सिस्टम में उसकी जानकारी भरी जाती थी और बदले में उसे पंजीकरण कार्ड दे दिया जाता था। अब यह सभी सेवाएं हाईटेक बना दी गई है। अब इस तरह का कोई कंप्यूटर सिस्टम या कैमरा काम नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए एटीएम की तर्ज पर क्योस्क मशीन उपलब्ध कराई गई है।

    जिन श्रद्धालुओं के पास स्मार्टफोन या फिर आनलाइन पंजीकरण सुविधा उपलब्ध है, उन्हें पंजीकरण केंद्र में आने की जरूरत नहीं है। वह घर बैठे अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इसके लिए मोबाइल एप और वेबसाइट के माध्यम से सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें श्रद्धालु अपनी मेल आइडी भी उपलब्ध कराएगा। आनलाइन माध्यम से पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं के मोबाइल पर क्यूआर कोड सुविधा सहित पंजीकरण उपलब्ध हो जाएगा।

    इंफोटेक के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेम अनंत ने कहा कि ऐसे श्रद्धालुओं जिनके पास स्मार्टफोन या आनलाइन सुविधा उपलब्ध नहीं है या उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। उनके लिए पंजीकरण केंद्र की व्यवस्था की गई है। इन केंद्रों में एथिक्स इन्फोटेक की ओर से सहायता कर्मी तैनात किए जाएंगे। जो यात्री स्वयं अपना विवरण मशीन में दर्ज नहीं करा सकते उन्हें यह सहायक कर्मचारी मदद करेंगे।

    ऐसे होगा आफ लाइन पंजीकरण-

    हरिद्वार ऋषिकेश सहित यात्रा मार्ग पर जहां भी पंजीकरण केंद्र खोले जा रहे हैं, वहां स्वैप मशीन हैंडल डिवाइस की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें टच मशीन के जरिए श्रद्धालुओं की जानकारी दर्ज कराई जाएगी। बैंकों में एटीएम की तर्ज पर यह मशीनें काम करेंगी। केंद्र में आने वाले इस तरह के श्रद्धालुओं को एथिक्स इन्फोटेक की ओर से हैंड बैंड उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें यात्री की संपूर्ण जानकारी देने वाला क्यूआर कोड उपलब्ध होगा। इस क्यूआर कोड के जरिए धामों पर यात्री का सत्यापन करना आसान होगा। धामों पर भी सत्यापन के लिए स्कैनर मशीन उपलब्ध रहेगी।

    इन स्थानों पर उपलब्ध होगी पंजीकरण सुविधा-

    -ऋषिकेश- चार धाम यात्रा बस अड्डा, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब

    -हरिद्वार- राही मोटल, रेलवे स्टेशन

    -बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम,

    -बड़कोट,दोबाटा, जानकी चट्टी, हिना, सोनप्रयाग, पाखी, गोविंदघाट

    श्रद्धालुओं के पंजीकरण में इस वर्ष आनलाइन सेवा को ज्यादा फोकस किया गया है। आफ लाइन पंजीकरण के लिए करीब15 सेंटर चिन्हित किए गए हैं। जिनमें ऋषिकेश हरिद्वार सहित प्रमुख केंद्रों में 15 अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा।