उत्तराखंड में भले ही इस बार मौसम देर से दुरुस्त आया हो, लेकिन यह राज्य के पर्यटन उद्योग और कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के साथ ही किसानों के लिए भी वरदान साबित होगा। प्रदेश के बद्रीनाथ धाम, माणां, नीति घाटी और विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली जहां बर्फ से लकदक हो गई हैं वहीं हाथी, घोड़ा, पालकी, नीलकंठ, गाजणा, टकनोर, यमुनाघाटी और चमोली जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है। ताजा हिमपात के बाद बद्रीनाथ धाम, हेमकुण्ड साहिब-लोकपाल, फूलों की घाटी, उर्गम घाटी, चिनाप घाटी सहित निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। नेनीताल में भी बर्फबारी हुई है।
इसके कारण बड़ी संख्या में पर्यटक इन स्थानों में पहुंच रहे हैं और बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारियों में तो उत्साह देखा ही जा रहा है। किसानों के चेहरे भी खिले हुए हैं। साथ ही पर्वतारोही और स्कीइंग संस्थान भी प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने जबरदस्त बर्फबारी होने के कारण कई तरह के ट्रेनिंग काेर्स भी शुरू कर दिए हैं।
प्रदेश के कई ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले हिस्सों में हो रही बारिश के कारण तापमान काफी ठंडा हो गया है। बढ़ती ठंड के कारण लोग अपने घरों में दुबकने लिए मजबूर हो गए हैं। हालांकि रविवार को कुछ जगहों पर दोपहर बाद बादल के बीच से बीच-बीच में सूरज की किरणें भी धरती तक पहुंचने का प्रयास कर रही थीं।
चमोली जिले के भू-बैकुंठ धाम बदरीनाथ समेत हाथी, घोड़ा, पालकी, नीलकंठ, औली आदि स्थानों पर जमकर बर्फबारी हो रही है। जिले 15 से अधिक गांव बर्फ की आगोश में आ गये हैं। जोशीमठ के हिमक्रीड़ा स्थली औली में दो से तीन फीट बर्फ जम गई है। यहां देश विदेश से पहुंचे पर्यटक बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं। बर्फबारी ढके गांवों में आवाजाही की परेशानी हो रही हैं। हालांकि इन गांवों में जिला प्रशासन की ओर से एक माह का राशन पहले से ही पहुंचाया गया है। ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बर्फबारी और बारिश के बाद प्रभावित इलाकों के निवासियों को अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को भी मौसम पर चौबीस घंटे नजर रखने के निर्देश दिए हैं। ताकि बारिश, बर्फबारी के बाद आने वाली दिक्कतों से निपटा जा सके।
यह बर्फबारी फसलों और बागवानी के लिए ‘सोना’ बनकर बरसी-
शुक्रवार रात्रि से हुई झमाझम बारिश के बाद शनिवार और रविवार को पहाड़ों में जमकर बर्फबारी हुई जबकि निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई है। यह बर्फबारी फसलों और बागवानी के लिए ‘सोना’ बनकर बरसी है।
उत्तरकाशी जिले के टकनोर सहित, गाजणा और यमुनाघाटी में शनिवार को हुई झमाझम बर्फबारी किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। बर्फबारी ने भले ही लोगों की आम दिनचर्या प्रभावित की हो, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए खेतों में बिछी यह बर्फ चांदी की चादर किसी वरदान से कम नहीं है।
यही नहीं बर्फबारी से पर्यटकों और कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। यहां घूमने आए लोग पहाड़ों के प्राकृतिक सौंदर्य और बर्फबारी का जमकर आनंद लेते दिखाई दे रहे हैं। जनवरी माह के पहले और दूसरे सप्ताह में गिरने वाली बर्फ जल्दी नहीं पिघलती है। ऐसे में काफी दिनों तक पौधों के जड़ाें पर बर्फ जमा होने से जमीन ठंडी रहने के साथ नमी भी लंबे समय तक रहती है। खास बात यह है कि, ये बर्फ पौधों को कई तरह की बीमारियों से भी बचाती है।
सेब के बगीचे में अधिक समय तक ठंड रहने से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स भी पूरी होने की संभावना बढ़ गई है। इससे सेब में फ्लावरिंग अच्छी होगी और फसल भी बढ़िया होगी। जिन बागवानों ने सेब सहित नाशपाती, खुरमानी व प्लम आदि की नई प्लांटेशन की है, इसके लिए भी बर्फबारी अमृत के समान है। ऐसे में समय पर हुई अच्छी बर्फबारी से किसानों के भी चेहरे खिल गए हैं।
कृषि और उद्यान विभाग के तकनीकी अधिकारी बताते हैं कि गेहूं, मसूर, सेब, आडू, खुमानी आदि सभी तरह की फसलों के लिए बर्फबारी बहुत अच्छी है। अच्छी बर्फबारी से जमीन पर लंबे समय तक नमी रहेगी, जिससे किसानों में पैदावार बढ़िया होने की उम्मीद बढ़ गई है।
बर्फबारी से कई मार्ग बंद, बीआरओ और एनएच टीम मार्ग खोलने में जुटी-
उत्तरकाशी जिले में बर्फबारी से गंगोत्री हाईवे सुखी टॉप से हर्षिल के कई स्थानों पर बंद हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग रानी टॉप भी बंद है। यमुनोत्री राजमार्ग भी रानाचट्टी आदि स्थानों पर बंद हैं। उधर चौरंगी मार्ग छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा मोरी के कुछ ग्रामीण मार्ग भी बंद पड़े हैं, जिन्हें खोलने का कार्य जारी है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री-धरासू राष्ट्रीय राजमार्ग रानी टॉपर पर कुछ ही घंटों में आवाजाही चालू हो जायेगी। जबकि गंगोत्री हाईवे पर कार्य पर गतिमान है। राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन, एनएच टीम और ग्रामीण मार्गों को खोलने के लिए लोनिवि के आला अधिकारी जुटे हैं। बर्फबारी का पर्यटक भी जमकर लुफ्त उठा रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश का अनुमान जताया था। बारिश और बर्फबारी की चेतावनी के बाद प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्र में बर्फबारी होने के बाद पर्यटकों का भीड़ होने की संभावना है।
पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान आईटीबीपी औली ने शुरू किए स्कीइंग कोर्स-
चौपता, औली, गौरसों बुग्याल आदि पर्यटन और ट्रैकिंग स्थलों पर पर्यटकों का जमावड़ा देखा जा सकता है। औली में बर्फबारी के बाद पर्वतारोहण और स्कीइंग संस्थान आईटीबीपी औली ने स्कीइंग कोर्स शुरू कर दिए हैं। आईटीबीपी का यह उच्चस्तरीय प्रशिक्षण संस्थान आईटीबीपी और अन्य पुलिस बलों के जवानों, अधिकारियों को स्कीइंग और पर्वतारोहण का प्रशिक्षण देता है।
संस्थान के उप सेनानी नितेश शर्मा के अनुसार वर्तमान में संस्थान द्वारा स्कीइंग के बेसिक और एडवांस कोर्स के साथ ही ऑपरेशनल कोर्स भी संचालित किये जा रहे हैं।
इस बीच गढ़वाल मंडल विकास निगम ने भी स्कीइंग कोर्स शुरू कर दिए हैं। इंटरमीडिएट कोर्स, बेसिक कोर्स और सात दिवसीय कोर्स के लिए प्रशिक्षणार्थी औली पहुंच गए हैं। जीएमवीएन के मुख्य स्कीइंग प्रशिक्षक कमल किशोर डिमरी के अनुसार अभी 6 प्रशिक्षणार्थी औली पहुंचे हैं, जिन्हें बेसिक और सात दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा सात और चौदह दिवसीय कोर्स के लिए भी प्रशिक्षणार्थी निगम से संपर्क कर रहे हैं।