चीन से सैन्य और राजनयिक संबंधों में जमी बर्फ के बीच उत्तराखंड से सटी भारत-चीन सीमा पर सैन्य हलचल तेज हो गई है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने सीमा पर रक्षा तैयारियों का जायजा लिया। उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय सीमा 345 किलोमीटर है। यहां वायुसेना, आईटीबीपी और सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं।
पिछले दो सप्ताह में सीमा पर सटे इलाकों में सेना की गतिविधियों में तेजी आई है। थल सेना के साथ भारतीय वायु सेना भी उत्तराखंड से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा से पड़ोसी की गतिविधियों पर नजर रख रही है।आईटीबीपी की उप महानिरीक्षक आईपीएस अपर्णा कुमार सिंह ने बताया की हमारी सीमा पूरी रतह से सुरक्षित है। सेना पूरी तरह अलर्ट हैं। गुरुवार को नेलांग-सोनम घाटी में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने नेलांग घाटी में बॉर्डर इलाके का हवाई निरीक्षण किया। बॉर्डर के निरीक्षण के बाद हेलीकॉप्टर को हर्षिल हेलीपैड पर उतरा गया।
सूत्रों के अनुसार सैन्य अधिकारियों ने सीमा पर हो रही गतिविधियों और चौकसी बढ़ाने को लेकर चर्चा की है। हर्षिल हेलीपैड में हेलीकॉप्टर कुछ देर रुकने के बाद अपने एयरबेस के लिए रवाना हो गया।
उत्तरकाशी की 122 किलोमीटर सीमा अधिकृत तिब्बत चीन से सटी है। भारतीय वायुसेना ने इस सीमा को मजबूत करने के लिए चिन्यालीसौड हवाई पट्टी को तैयार किया है। यह सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। सेना ने मौका आने पर चीन को माकूब जवाब देने के लिए नीलांग, घाटी को सड़क मार्ग से भी जोड़ा है।
चिन्यालीसौड हवाई पट्टी पर वायुसेना बीते वर्षों में ऑपरेशन गगन जैसे युद्धाभ्यास के अलावा भारी भरकम मालवाहक विमानों की सफल लैंडिंग करवा चुके हैं। सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नेलांग बॉर्डर की अंतिम चौकियों पर सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं। चीन सीमा से लगे इस बॉर्डर पर भी सेना को सतर्क किया गया है। कुछ दिनों से सुबह के वक्त वायुसेना के लड़ाकू विमान एवं हेलीकॉप्टर सीमा का जायजा ले रहे हैं।