उत्तरकाशी में फंसे इंग्लैंड के माइकल बच्चों को सिखा रहे अंग्रेजी

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इंग्लैंड
उत्तरकाशी, इंग्लैंड के माइकल लॉक डाउन में यहां फंसे हुए हैं। वह तीन माह से पहाड़ी जीवनशैली का आनंद ले रहे हैं। साथ ही गंगा घाटी के पवित्र स्थल विमलेश्वर मंदिर में दो माह से योग अभ्यास के साथ संग्राली गांव के बच्चों को अंग्रेजी बोलना, लिखना और पढ़ना सिखा रहे हैं। वह बच्चों के बाल काटने के साथ खेतों के कामकाज में ग्रामीणों का हाथ बंटा रहे हैं।
वह कहते हैं, यह पल यादगार हैं। माइकल इसके लिए खुद को धन्य समझ रहे हैं। माइकल सुबह योग सीखते हैं। दिन चढ़ने पर गांव के लोगों के साथ खेतों में काम करते हैं। इसके बाद मिले वक्त में बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखा रहे है। माइकल 28 जनवरी को भारत घूमने आए थे। ऋषिकेश होते हुए मार्च में वह उत्तरकाशी पहुंच गए। जब लॉक डाउन हुआ तब वह संग्राली गांव से दो किलोमीटर दूर विमलेश्वर मंदिर में थे।
तब से वह लॉक डाउन के समय को ग्रामीण जीवनशैली में जी रहे हैं। वह मंदिर के आसपास पड़ी गंदगी को जैविक खाद तैयार कर स्वच्छता का संदेश भी दे रहे हैं।  माइकल कहते हैं कि पहाड़ की शांत एवं सुंदर वादियों में जीवन जीने का अपना अलग ही आनंद है। यहां का स्वच्छ प्राकृतिक वातावरण स्वास्थ्य के लिए  लाभदायक है। यहां की वादियों और यहां के लोगों को वह कभी नहीं भूल सकते।वह इन दिनों संग्राली गांव में गेहूं की फसल काटने में स्थानीय लोगों का हाथ बांट रहे हैं। उत्तरकाशी से 12 किलोमीटर दूर वरुणावत पर्वत के शीर्ष पर घने देवदार के पेड़ों के बीच कंडार देवता की तपोस्थली संग्राली गांव है। इस गांव के निकट ही विमलेश्वर महादेव का मंदिर है।