उत्तरकाशीः कोरोना के लिए सुरक्षित नहीं सीमांत जिले का अस्पताल, डब्ल्यूएचओ ने उठाया सवाल

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डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के राज्य सर्विलांस मेडिकल अधिकारी ने उत्तरकाशी के जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें उन्हें तमाम खामियां नजर आयीं। खासकर कोरोना के मद्देनजर अस्पताल सुरक्षित नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने बॉयो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर भी सवाल उठाए हैं। साथ ही 1967 में बने भवन की जर्जर स्थिति पर भी अफसोस जताया है। इसके अलावा बौन गांव में इंजीनियरिंग भवन का भी निरीक्षण किया। डब्ल्यूएचओ के अधिकारी भले ही मीडिया के सामने कुछ भी बयान देने से बचते रहे लेकिन इस सम्बन्ध में वह स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को खास दिशा निर्देश दे गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य सर्विलांस मेडिकल अधिकारी डॉ. विकास शर्मा मंगलवार को उत्तरकाशी पहुंचे। नगुण बैरियर में उनकी गाड़ी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेनिटाइज किया। साथ ही उनकी मेडिकल जांच भी की। उसके बाद वे उत्तरकाशी के जिला अस्पताल पहुंचे। जहां जिला प्रशासनऔर स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन वार्ड बनाएं हैं। उसका निरीक्षण करने के साथ उन्होंने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड ओर ओपीडी को भी देखा। उन्होंने सबसे अधिक हैरानी इस बात को लेकर व्यक्त की कि जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और सीएमओ कार्यालय में प्रवेश और निकासी का सिर्फ एक ही गेट है। जो कोरोना से बचाव को लेकर मानकों के अनुरूप नहीं है।
इसी तरह अस्पताल में पार्किंग के लिए कोई स्थल नहीं है। जहां-तहां बेतरतीब ढंग से वाहन खड़े हैं। अस्पताल के बॉयो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था को लेकर सीएमओ और सीएमएस से पूछताछ की। बॉयो मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए जिला अस्पताल के पास कोई संसाधन नहीं है। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी की ओर से उठाए गए सवाल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। साथ ही उनकी ओर से दिए गए सुझाव पर अमल किया जा रहा है, ताकि अस्पताल कोरोना के लिहाज से सुरक्षित रहे।