एक लापरवाही पड़ सकती है उत्तरकाशी के लोगों पर भारी

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उत्तरकाशी
(उत्तरकाशी) ऋषिकेश प्रशासन की लापरवाही के चलते उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। मुंबई से ऋषिकेश आये एक व्यक्ति की स्थानीय एम्स में जांच की गई थी। उसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही ऋषिकेश प्रशासन की लापरवाही के चलते वह उत्तरकाशी के बड़कोट पहुंच गया है। उसे लेकर अब जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या दो हो गई है।
मंगलवार को एम्स (ऋषिकेश) ने इस नये कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि की है। पुष्टि होने के बाद स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को इस बारे में जानकारी दी गयी और मरीज की खोज करने को कहा गया। यह सूचना उत्तरकाशी प्रशासन को भी दी गयी। सूचना मिलते ही उत्तरकाशी प्रशासन ने सतर्कता बरती और बड़कोट में मरीज को खोजकर उसके साथ छह अन्य को सोमवार की देररात टटाऊ उत्तरकाशी भेज दिया गया।
  • टेस्ट के बाद घर को भेज दिये गये युवक की काेरोना रिपोर्ट आयी पॉजिटिव
  • आनन-फानन में प्रशासन ने युवक सहित छह को एकांतवास केन्द्र भेजा
दरअसल, 17 मई को मुंबई से ऋषिकेश पहुंचे उत्तरकाशी बड़कोट निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉज़िटिव आयी है। यह व्यक्ति मुंबई से उत्तरकाशी बस से आया था। 17 मई को ऋषिकेश भरत मंदिर स्कूल स्थित कैम्प में इस व्यक्ति की प्रारंभिक जांच की गई। इसके बाद उसे एम्स ऋषिकेश की स्क्रीनिंग ओपीडी में भेजा गया, जहां उसका कोरोना सैंपल लिया गया। लेकिन उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही उसे घर भेज दिया गया, 18 मई शाम को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। इसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य में हड़कंप मच गया। अब प्रशासन बड़कोट वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वालों को भी एकांतवास में रखा है। इस संबंध में  जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि मरीज और उसके साथ छह अन्य को एसडीएम बड़कोट ने उत्तरकाशी भेज दिया गया है।
अब सवाल ये उठता है कि जब एम्स में मरीज का सैम्पल लिया गया था तो उसे घर क्यों जाने दिया गया। ऐसे में यह लापरवाही उत्तरकाशी के लोगों के लिये भारी पड़ सकती है।